देवघर स्थित मैहर गार्डन में आयोजित दो दिवसीय भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र में भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1932 और ओबीसी का आरक्षण को लेकर हेमंत सरकार की मंशा साफ नहीं है. इसे लागू करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में था, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी अकर्मण्यता के कारण इसे केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया.
उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन काल के दौरान सर्वदलीय बैठक में अंतिम सर्वे राइट्स में दर्ज खतियानी लोगों को स्थानीय मानने की कोशिश की गयी थी, लेकिन हाइकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. वर्तमान राज्य सरकार भी सर्वदलीय बैठक बुला कर इस पर निर्णय ले सकती थी और उस समय के कानून में क्या कमी थी, उसे दूर करती तो शायद उसे हाइकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी.
श्री मरांडी ने कहा कि राज्य में विकास के काम ठप हैं. स्कूल व कॉलेज में शिक्षकों की कमी है. अस्पतालों में डॉक्टर की, दवा की, एम्बुलेंस की कमी है, सड़कें बदहाल हैं. राज्य में पीने के पानी की किल्लत है. गांव में बिजली नहीं मिल रही है, लेकिन सरकार को इससे कुछ लेना-देना नहीं है.
झारखंड भाजपा प्रभारी सह सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह के अलावा विभिन्न मोर्चा के अध्यक्षों ने भी अपने अनुभव साझा किये. बैठक का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सह सांसद सुनील सिंह ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विधायक नारायण दास ने किया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिया कि 14 महीने बचे हैं. हम तैयारी करें और सभी 14 लोकसभा सीटों को जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौगात दें और उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनायें. उन्होंने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्ति अगर कोई पार्टी दिला सकती है, तो वह भाजपा है. प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि राज्य के गरीबों तक अंत्योदय की योजना को पहुंचायें.