Ranchi news : बड़ा तालाब से क्यों आ रही है दुर्गंध, नाला को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से क्यों नहीं जोड़ा गया : हाइकोर्ट
जलस्रोतों के संरक्षण, अतिक्रमण हटाने व साफ-सफाई को लेकर दर्ज जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में हुई सुनवाई. राज्य सरकार व रांची नगर निगम को विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने जलस्रोतों के संरक्षण और हटिया, कांके, गेतलसूद डैम को अतिक्रमण मुक्त करने तथा साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि बड़ा तालाब से दुर्गंध क्यों आ रही है, जबकि उसकी सफाई हो रही थी. बड़ा तालाब के आसपास के सभी नाली का गंदा पानी तालाब में जाने से रोका जाये. उन सभी नाली को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से अब तक क्यों नहीं जोड़ा गया है. सिर्फ बड़ा तालाब के बगल के एक नाला को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने से काम नहीं चलेगा. सभी नालियों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ें तथा ट्रीटमेंट होने के बाद साफ पानी को बड़ा तालाब में जाने दिया जाये. ऐसी व्यवस्था रांची नगर निगम को हर हाल में सुनिश्चित करनी होगी. खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार व नगर निगम को बड़ा तालाब की लगातार सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए.
जलाशयों व तालाबों का मेजरमेंट करना होगा
खंडपीठ ने राज्य सरकार से माैखिक रूप से कहा कि जलाशयों व तालाबों का मेजरमेंट करना होगा तथा वहां का अतिक्रमण भी हटाना होगा. पहले भी अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था, उस आदेश का पालन हुआ या नहीं. रांची शहर में 71 तालाब होने की बात सरकार की ओर से बतायी गयी थी, लेकिन इसमें से अधिकतर तालाबों का आज अस्तित्व नहीं है. सरकार बताये कि गायब हुए तालाबों के पुनरुद्धार के लिए कोई योजना बनायी गयी है या नहीं. खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार व रांची नगर निगम को विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया. कांके रोड के विद्यापति नगर के एक तालाब को कूड़ा-मिट्टी से भरने को लेकर दायर हस्तक्षेप याचिका पर सरकार से जवाब मांगा. रांची में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर रांची नगर निगम द्वारा की गयी कार्रवाई के संबंध में जवाब दायर करने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
हिनू नदी व भुसुर नदी से अतिक्रमण हटाया गया
इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि हिनू नदी, भुसुर नदी से अतिक्रमण हटाया गया है. मिट्टी भी हटा दी गयी है. बड़ा तालाब की नियमित सफाई हो रही है. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने खंडपीठ को बताया कि रांची के कांके डैम, हटिया डैम व गेतलसूद डैम में पिछले पांच वर्ष में पानी की स्थिति को लेकर झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है. इसके लिए उसे 38 लाख रुपये की फंडिंग भी की गयी है. मामले में एमिकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि जलस्रोतों के अतक्रिमण व साफ-सफाई को गंभीरता से लेते हुए वर्ष 2011 में झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
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