रांची: डीवीसी बकाया राशि को लेकर राज्य में बार-बार बिजली कटौती करती है. राज्य का कोयला रॉयल्टी मद में लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है. डीवीसी के बकाये को कोयले के रॉयल्टी मद से काटकर बाकी रकम राज्य को दिलायी जाये. यह मांग राज्य के कृषि मंत्री बादल ने राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से की. वह ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में अपनी बात रख रहे थे.
मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य उन्हें लिखे, तो वह कोयला मंत्री भारत सरकार से इस विषय में समाधान निकालने के लिए वार्ता करेंगे. राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन उदयपुर के होटल रेडिसन में आयोजित किया गया है. सम्मेलन में झारखंड की तरफ से कृषि मंत्री बादल ने ले रहे हैं. श्री बादल ने पीएम कुसुम योजना में किसानों की परेशानी का मुद्दा भी उठाया.
इस पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी एजेंसी का चयन कर सकती है. मंत्री बादल ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को झारखंड में सिंदरी में लगाने की मांग की.
मंत्री ने मांग की है कि जहां भी पावर प्लांट और कोल ब्लॉक के लिए विस्थापन हो, वहां विस्थापितों को बिजली मुफ्त में दी जाये. उन्होंने कहा कि झारखंड में जेबीवीएनएल के अलावा दूसरी बिजली वितरण कंपनी राज्य में सिर्फ अमीर उपभोक्ता और औद्योगिक उपभोक्ता को बिजली देने पर जोर देती है.