रांची, राणा प्रताप: पलामू में बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम होगा. झारखंड हाईकोर्ट ने पलामू उपायुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया. हाईकोर्ट ने पलामू उपायुक्त को कार्यक्रम के लिए अनुमति देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई. आपको बता दें कि पलामू जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के आदेश को हनुमंत कथा आयोजन समिति द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी और बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड के ओरनार गांव में 10 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम प्रस्तावित है.
हाईकोर्ट में दायर की गयी थी संशोधित याचिका
पलामू में बाबा बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर प्रार्थी की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में संशोधित याचिका दायर कर दी गयी थी. यह मामला हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में 24 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की थी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हनुमंत कथा आयोजन समिति की ओर से संयोजक मेदिनीनगर के पूर्व मेयर अरुणा शंकर, सचिव दीनानाथ प्रसाद ने संशोधित याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि पलामू के उपायुक्त द्वारा आयोजन की अनुमति नहीं दी जा रही है. अनुमति के लिए उन्हें विस्तृत प्लान दिया गया था, लेकिन उन्होंने 10 जनवरी को कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका जाहिर करते हुए अनुमति नहीं देने से संबंधी आदेश जारी कर दिया, जो सही नहीं है. कार्यक्रम के आयोजन को अनुमति दी जानी चाहिए. प्रार्थी ने कार्यक्रम के दौरान विधि-व्यवस्था, फायर सेफ्टी, ट्रैफिक, मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देश देने का आग्रह किया था.
पिछले दिनों अदालत ने जतायी थी नाराजगी
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने पिछले दिनों पलामू में 10 से 15 फरवरी 2024 को बाबा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की अनुमति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की थी. सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना था. पलामू के उपायुक्त शशिरंजन के कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाने की आशंका पर आयोजन की अनुमति नहीं देने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जतायी थी. अदालत ने कहा था कि कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेवारी सरकार की है. अदालत ने पूछा था कि बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम से कानून व्यवस्था की कौन सी समस्या उत्पन्न हो जाएगी, इसका खुलासा क्यों नहीं किया गया है? ऐसी आशंका का आधार क्या है? आदेश में यह भी नहीं बताया गया है. मुख्य सचिव व डीजीपी वर्चुअल तरीके से उपस्थित होकर बतायें कि कानून-व्यवस्था की कौन सी समस्या उत्पन्न हो जाएगी, जिसे प्रशासन कंट्रोल नहीं कर पाएगा. समझाने के लिए पुलिस अधीक्षक (सूचना) विशेष शाखा भी बने रहेंगे. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 17 जनवरी की तिथि निर्धारित की थी.