रांची के बहू बाजार से गढ़ाटोली तक की सड़क गड्ढों में तब्दील, चलना हुआ मुश्किल
वहीं, कांटाटोली से सिरोमटोली जानेवाली सड़क की भी हालात खराब हो गयी है. खास कर कांटाटोली से बहू बाजार तक की सड़क ज्यादा जर्जर है. पेट्रोल पंप के पास मुख्य सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया है
कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के कारण बहू बाजार से कोकर के गढ़ाटोली तक की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गयी है. कई बार अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. वहीं, बारिश के कारण सड़क की स्थिति और खराब हो गयी है. जगह-जगह बने गड्ढे में पानी भर जाने से वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, दोपहिया वाहन सवार गिर कर घायल हो रहे हैं.
वहीं, कांटाटोली से सिरोमटोली जानेवाली सड़क की भी हालात खराब हो गयी है. खास कर कांटाटोली से बहू बाजार तक की सड़क ज्यादा जर्जर है. पेट्रोल पंप के पास मुख्य सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया है. वहीं, नाली के पानी का बहाव ठीक ढंग से नहीं होने के कारण तेज बारिश में पानी मुख्य सड़क पर बहने लगता है. वहीं, बारिश समाप्त होने के बाद से सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है. इससे आने-जाने में काफी परेशानी होती है.
इधर, बहू बाजार से कांटाटोली जानेवाली सड़क वन-वे है. इस कारण लोगों को बसरटोली होकर कांटाटोली जाना है, लेकिन रात आठ बजे के बाद जैसे ही ट्रैफिक पुलिस के जवान ड्यूटी समाप्त कर जाते हैं, वैसे ही सिंगल रोड में दोतरफा वाहनों का परिचालन शुरू हो जाता है.
गड्ढा भरने के लिए गिराया पत्थर :
कांटाटोली में गुरुवार को गड्ढा भरने के लिए सड़क पर पत्थर गिराया गया. लेकिन, पत्थर ठीक से नहीं बैठने के कारण लोगों को वाहन चलाने में काफी असुविधा हो रही थी. इस कारण कुछ दूर तक गड्ढा को पत्थर से भरने के बाद इसे छोड़ दिया गया.
मेट्रो गली के पास तीन माह से बैरिकेडिंग, लग रहा जाम
रातू रोड में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के नाम पर बिड़ला बोर्डिंग में मेट्रो गली के पास करीब तीन महीने से बैरिकेडिंग की गयी है. इससे यहां से आने-जाने वालों को काफी परेशानी हो रही है. यहां लगातार सड़क जाम हो रही है. यहां पर काम करा रही कंपनी द्वारा तीन विशाल गड्ढे किये गये थे. काफी दिनों तक चट्टान तोड़े गये. हाल ही में दो गड्ढों को भर दिया गया. तीसरा खुला है. यह बताया गया कि कंपनी एलिवेटेड कॉरिडोर के डिजाइन में बदलाव कर निर्माण कराना चाह रही थी. इस पर एनएचएआइ को आपत्ति है. एनएचएआइ ने सुझाव दिया है कि जो डिजाइन तय है, उसी के अनुरूप कार्य हो. इसके बाद तीन में से दो गड्ढों को भरा गया. पर तीसरा को अभी भी छोड़ दिया गया है.