रांची : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी की अदालत ने तब्लीगी जमात से जुड़े सभी 16 विदेशियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. मंगलवार को अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई हुई. फिलहाल अदालत ने इनमें से आठ को बिरसा मुंडा कारा तथा शेष को कैंप जेल, होटवार में रखने का आदेश दिया है. दरअसल कुल 18 लोगों के खिलाफ सात अप्रैल को हिंदपीढ़ी थाने में मामला (संख्या 34/ 2020) दर्ज किया गया था. इन 18 लोगों में से हिंदपीढ़ी निवासी एक आरोपी हाजी मेराजुद्दीन को मंगलवार को जमानत दे दी गयी. मेराजुद्दीन पर विदेशी होने का मामला नहीं बनता है. इसलिए अदालत ने उसे पांच हजार रु के निजी मुचलके और दो जमानतदार के आधार पर जमानत दे दी. इधर शेष 17 विदेशियों में से एक कोरोना पॉजिटिव है और रिम्स के कोविड-19 वार्ड में इलाजरत है. इसलिए 16 विदेशियों की जमानत याचिका पर ही बहस हुई.
टूरिस्ट वीजा पर भारत में दाखिल हुए इन सभी विदेशियों को 30 मार्च को झारखंड की राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मसजिद और मदीना मसजिद से गिरफ्तार किया गया था. वहां से उन्हें खेलगांव स्थित कोरेंटाइन सेंटर भेज दिया गया था. इन्हीं विदेशियों में शामिल एक महिला 31 मार्च को झारखंड की पहली कोरोना पॉजिटिव पायी गयी थी. क्या था आरोपइन विदेशियों पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने, टूरिस्ट वीजा पर आकर धर्म का प्रचार-प्रसार करने , राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी के नियमों का उल्लंघन करने, संक्रमण फैलाने का वाहक बनने तथा लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन संबंधी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
आरोपी किन-किन देशों के : जाहिद कबीर, हाजी दिलवर हुसैन, सिलौन हुसैन व महासिन अहमद (ब्रिटेन), दीम खान व फारुख खान (वेस्ट इंडीज),फारिमान सीजे व मुसा जफो (दक्षिण अफ्रिका), शैफुर इस्लाम (पोलैंड) तथा चार दंपति मो अजीमबीन सुलेमान, राशिदा नजीहा, महाघिर बीन खामिज, नौर आशिदा, नौर जमद जमन, शीती आनशा, मो शफीक बिन सतीशा, नौर हराती (सभी मलेशिया).