रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट ने नेशनल शूटर तारा शाहदेव के दहेज प्रताड़ना व धर्म परिवर्तन से संबंधित मामले में सजायाफ्ता रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी और पूर्व रजिस्ट्रार विजलेंस मो मुश्ताक अहमद की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रत्नाकर भेंगरा व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व सीबीआइ का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने रंजीत सिंह कोहली की मां कौशल रानी तथा पूर्व रजिस्ट्रार विजलेंस मो मुश्ताक अहमद को जमानत प्रदान किया. इससे पूर्व प्रार्थी काैशल रानी की ओर से अधिवक्ता मो मोख्तार खान और मो मुश्ताक अहमद की ओर से वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कौशल रानी व मुश्ताक अहमद की ओर से अपील में कहा गया है कि आइपीसी की धारा-120बी में सजा दी गयी है, जबकि इसमें षड्यंत्र का मामला नहीं बन सकता है. उन्होंने सजा को निरस्त करने की मांग की है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने रंजीत कोहली की मां कौशल रानी को 10 वर्ष तथा मो मुश्ताक अहमद को 15 वर्ष की सजा सुनायी थी, जबकि रंजीत सिंह कोहली को अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी. रंजीत सिंह कोहली व तारा शाहदेव का विवाह सात जुलाई 2014 को हुआ था, लेकिन विवाह के कुछ माह बाद धर्म परिवर्तन करने को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. सीबीआइ ने वर्ष 2015 में रांची के हिंदपीढ़ी थाना में दर्ज प्राथमिकी को अपने हाथों में लिया था. सीबीआइ की दिल्ली शाखा ने इस मामले में कांड संख्या-आरसी/9एस/2015 दर्ज किया था. विशेष अदालत ने आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया था.
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