घाट से बालू निकालने की दर 83 रुपये एमक्यू लेकिन टेंडर में कम पैसे भर रहीं कंपनियां, सरकार ने गठित की कमेटी
विभाग का मानना है कि सरकार द्वारा निर्धारित दर से भी कम दर कोट करने से टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती है. इसमें गड़बड़ी की आशंका हो सकती है.
खान विभाग के जेएसएमडीसी द्वारा बालू घाटों से बालू निकालने की दर 83 रुपये प्रति घन मीटर (एमक्यू) रखा गया है. इस आधार पर जिलों में चयनित माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) के बीच फाइनेंशियल टेंडर निकाला गया, ताकि बालू की निकासी की जा सके. पर टेंडर में चयनित एमडीओ सरकार द्वारा निर्धारित दर से काफी कम दर यानी 10 रुपये प्रति घन मीटर से लेकर 20 रुपये प्रति घनमीटर का दर कोट कर रही है.
इस कारण टेंडर फाइनल नहीं हो सका है. विभाग का मानना है कि सरकार द्वारा निर्धारित दर से भी कम दर कोट करने से टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती है. इसमें गड़बड़ी की आशंका हो सकती है. इसके चलते सरकार ने बालू निकासी की न्यूनतम दर तय करने के लिए एक कमेटी गठित कर दी है.
जिलों में रोकी गयी टेंडर प्रक्रिया :
फिलहाल जिलों में फाइनेंशियल बिड की प्रक्रिया रोक दी गयी है. राज्य में कैटेगरी दो के 435 बालू घाट हैं. इन घाटों से बालू निकासी के लिए एमडीओ के बीच फाइनेशिंयल बिड निकाला जाना है. 435 बालू घाटों में अब तक केवल 28 बालू घाटों की निविदा ही हो सकी है. रांची में भी बालू घाटों का फाइनेंशियल बिड रोक दिया गया है.
कहा गया है कि जब तक कमेटी न्यूनतम दर निर्धारित करने की अपनी रिपोर्ट नहीं दे देती, तब तक टेंडर रोका जाये. सूत्रों ने बताया कि कम दर कोट करने की वजह से रांची में टेंडर प्रक्रिया रुक सकती है. यही वजह है कि टेंडर निकाला ही नहीं गया. जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, गुमला, सिमडेगा, रामगढ़, कोडरमा, हजारीबाग जैसे जिलों में बार-बार टेंडर निकालने पर भी कम दर कोट किया गया. इसके बाद सभी जिलों में टेंडर प्रक्रिया रोकी गयी है.
15 अक्तूबर तक बालू घाटों से बालू निकासी पर लगी है रोक : इधर, एनजीटी द्वारा 10 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाटों से बालू की निकासी पर रोक लगायी गयी है. जेएमएमडीसी चाहता है कि इस दौरान टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाये, ताकि रोक हटते ही बालू की निकासी हो सके.
87 एमडीओ हैं चयनित :
राज्य में बालू घाटों के लिए जेएसएमडीसी द्वारा 87 एमडीओ चयनित किये गये हैं, जिनकी सूची जिलों को भेजी जा चुकी है. इन एमडीओ के बीच ही टेंडर होता है. जो सबसे कम रेट देगा, उसे ही बालू घाटों से बालू निकासी का काम सौंपा जाना है.
छह सदस्यीय कमेटी बना रही है रिपोर्ट
खान विभाग द्वारा बताया गया कि विभाग के अपर सचिव बालकिशुन मुंडा की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. इसमें जेइएम के जीएम फाइनेंस राजेश कुमार, जेएसएमडीसी के बालू प्रभारी धर्मेंद्र कुमार मेहता, भूतत्व निदेशालय के उपनिदेशक कुमार अमिताभ व रांची के जिला खनन पदाधिकारी संजीव कुमार सदस्य हैं. अगले सप्ताह तक कमेटी रिपोर्ट दे देगी. इसके बाद सरकार 83 रुपये की जगह न्यूनतम दर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार तय करेगी. तब फाइनेंशियल बिड निकाला जायेगा.