Ranchi News : नशे के लिए इस्तेमाल की जानेवाली दवाओं की बिक्री को नियंत्रित करने संबंधी आदेश पर रोक
हाइकोर्ट में अगली सुनवाई 20 फरवरी 2025 को होगी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने कोडीनयुक्त कफ सीरप व अन्य नशे के रूप में दुरुपयोग होनेवाली दवाओं की खरीद-बिक्री को नियंत्रित करने से संबंधित आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. बताया गया कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह के समान मामले से संबंधित आदेश पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. पक्ष सुनने के बाद अदालत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेमो संख्या-1587 (डी)/28.9.2022 पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 फरवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कोडीनयुक्त कफ सीरप एवं अन्य नशे के रूप में दुरुपयोग होनेवाली दवाओं की आपूर्ति व बिक्री को सीमित कर दिया है. इसको लेकर मेमो संख्या-1587 (डी) के माध्यम से 28 सितंबर 2022 को आदेश जारी किया गया है. झारखंड से पहले बिहार में भी कोडीनयुक्त कफ सिरप व नारकोटिक्स दवाओं की खरीद-बिक्री पर रोक से सबंधित नोटिफिकेशन जारी हुआ था, जिस पर कोर्ट से रोक लगी हुई है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लेबॉरेट फार्मास्यूटिकल इंडिया लिमिटेड ने याचिका दायर कर राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनाैती दी है. राज्य सरकार ने महाऔषधि नियंत्रक (भारत) के 20 जनवरी 2022 के निर्देश के आलोक में कोडीनयुक्त कफ सिरप व अन्य नशे के रूप में दुरुपयोग होनेवाली दवाओं की खरीद-बिक्री को नियंत्रित करने को लेकर आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि कोडीनयुक्त कफ सीरप व अन्य नशे के रूप में दुरुपयोग होनेवाली दवाओं के राज्य में अवस्थित सीएंडएफ एजेंट्स/डिपो/वितरक (जिन्हें विषयाधीन औषधि सीधे निर्माता से प्राप्त होती है) अपने थोक विक्रताओं अथवा किसी भी संस्थान को एक बार में किसी भी परिस्थिति में सरकार द्वारा तय मात्रा से अधिक की बिक्री के लिए आपूर्ति नहीं कर सकेंगे. हालांकि यह प्रावधान सरकारी अस्पताल, कैंसर अस्पताल व मानसिक अस्पताल के मामले में लागू नहीं होगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है