कांग्रेस नेता बंधु तिर्की बोले-नयी नियोजन नीति की घोषणा कर सरकारी विभागों में खाली पदों को जल्द भरे सरकार
बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड में फिलहाल ऐसी कोई नियोजन नीति नहीं है जो यहां के छात्र-छात्राओं और युवाओं में विश्वास पैदा कर सके. इसके कारण युवाओं में गहरी निराशा है और वे बरसों से रोजगार की प्रतीक्षा में बैठे हैं. युवाओं के हित में जल्द से जल्द नियोजन नीति की घोषणा कर उसे लागू किया जाना चाहिए.
Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मंत्री व कांग्रस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि सरकार नियोजन नीति अविलंब तैयार करे और उसके आधार पर विभिन्न विभागों में खाली पदों के लिये नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करे. हर राज्य की अपनी स्थानीय नीति होती है और इस दृष्टिकोण से झारखंड की अपनी स्थानीय नीति को घोषित करना राज्य सरकार के द्वारा उठाया गया बिल्कुल सही कदम था. उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति के साथ नियोजन नीति को जोड़कर देखना पूरी तरह गलत है. युवाओं, आदिवासियों एवं मूल निवासियों के साथ ही लंबे समय से झारखंड में रह रहे युवाओं के हित में जल्द से जल्द नियोजन नीति की घोषणा कर उसे लागू किया जाना चाहिए.
नियोजन नीति की जल्द हो घोषणा
बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड में फिलहाल ऐसी कोई नियोजन नीति नहीं है जो यहां के छात्र-छात्राओं और युवाओं में विश्वास पैदा कर सके. इसके कारण युवाओं में गहरी निराशा है और वे बरसों से रोजगार की प्रतीक्षा में बैठे हैं. इसी परिप्रेक्ष्य का दूसरा पहलू और भी गंभीर है. सरकार के लगभग सभी विभागों में नियुक्ति नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं और इसके कारण सरकार के दैनिक कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और आम जनता को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. झारखंड की सवा तीन करोड़ आबादी के साथ ही विशेष रूप से यहां के युवाओं, आदिवासियों एवं मूल निवासियों के साथ ही लंबे समय से झारखंड में रह रहे युवाओं के हित में जल्द से जल्द नियोजन नीति की घोषणा कर उसे लागू किया जाना चाहिए.
युवाओं में है घोर निराशा
कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड सरकार एक उच्च स्तरीय समिति बनाए, जो झारखंड की जमीनी और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट दे दे और उसके आधार पर सरकार अपनी नियोजन नीति को शीघ्र घोषित करे और उसके अनुरूप सभी विभागों में नियुक्ति के संदर्भ में विज्ञापन जारी करे. उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में हेमंत सोरेन ने झारखंड की स्थिति में सुधार के लिये अपना पूरा प्रयास किया है लेकिन सरकारी विभागों में बड़ी संख्या में पदों के खाली होने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ा है. दूसरी ओर, युवा वर्ग में अपने भविष्य और अपने परिवार को लेकर गहरी निराशा और रोष है. इसीलिए सरकार को जल्द इसके सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाना चाहिए और इसके लिये अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करना चाहिए.