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बंधु तिर्की बोले- ऐतिहासिक होगी चार फरवरी की आदिवासी एकता महारैली, लाखों लोग होंगे शामिल

बंधु तिर्की ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय को धर्म, जाति, समुदाय के नाम पर लड़ा कर राजनीतिक रोटी सेंकने का कार्य किया जा रहा है. इसलिए आदिवासियों को अब एकजुट होने की जरूरत है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2024 1:07 AM
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रांची: भाजपा-आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियां और आदिवासी समुदाय को आपस में लड़ाने के षडयंत्र के खिलाफ चार फरवरी को मोरहाबादी मैदान में आदिवासी एकता महारैली की जायेगी. इस महारैली में पूरे राज्य से लाखों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे. ये बातें कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कही. वे दीनदयाल नगर स्थित अपने आवास में प्रेस को संबोधित कर रहे थे. श्री तिर्की ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय को धर्म, जाति, समुदाय के नाम पर लड़ा कर राजनीतिक रोटी सेंकने का कार्य किया जा रहा है. इसलिए आदिवासियों को अब एकजुट होने की जरूरत है. अन्यथा आनेवाले दिनों में वे समाप्त हो जायेंगे.

रैली में इन मुद्दों को रखा जायेगा जनता के सामने: 

बंधु तिर्की ने कहा कि इस रैली के माध्यम से आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने के लिए जो यूनिफार्म सिविल कोड लाने की तैयारी है. उस पर चर्चा की जायेगी. इसके अलावा प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लिए अलग सरना धर्म कोड देने, डिलिस्टिंग के नाम पर आदिवासी समुदाय को आपस में लड़ाने, पेसा कानून को अक्षरश: लागू करने की मांग रखी जायेगी.

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आदिवासियों पर चौतरफा हमले के खिलाफ हमारी एकता जरूरी : जन परिषद

आदिवासी जन परिषद की बैठक करम टोली स्थित धुमकुड़िया सभागार में प्रेम शाही मुंडा की अध्यक्षता में हुई. इसमें चार फरवरी को होनेवाली आदिवासी एकता महारैली का समर्थन किया गया. सदस्यों ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आदिवासियों को एकजुट रहना जरूरी है. बताया गया कि परिषद 25 फरवरी को सिल्ली के पतरहातू मैदान में महासम्मेलन व 11 फरवरी को तमाड़ में विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक सह वनभोज करेगा. बैठक में अभय भुट कुंवर, प्रकाश मुंडा, सवाना सिंह मुंडा, प्रदीप करमाली, सेलिना लकड़ा आदि शामिल थे.

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