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बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों की ट्रेनिंग, न्यायिक व्यावसायिकता पर क्या बोले चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि भारतीय और बांग्लादेशी कानूनों के तुलनात्मक पहलुओं के बारे में न्यायाधीशों को शिक्षित करने और न्यायालयों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक करने के लिए भारतीय मूल और प्रक्रियात्मक कानूनों के विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए.

रांची : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि भारत-बांग्लादेश ने साझा इतिहास, साझी विरासत और लोगों के बीच मजबूत संबंधों के माध्यम से दोस्ती और भाईचारे को स्वीकार किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने हमेशा बांग्लादेश के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को संजोया है और उसके साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम किया है. बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण भागीदार है और दोनों देशों के बीच सहयोग सभी क्षेत्रों में है. लोकतंत्र में न्यायाधीश की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि न्यायिक कार्यों के निर्वहन में एक न्यायाधीश को तटस्थ होना चाहिए और उसे अपने दिन-प्रतिदिन अत्यधिक व्यावसायिकता के साथ कार्य करना चाहिए. न्यायिक व्यावसायिकता में न केवल मामले के तथ्यों पर आपकी पूरी पकड़ और कानून का आपका अद्यतन ज्ञान शामिल है, बल्कि इसमें बार के साथ आपका सामंजस्यपूर्ण संबंध और न्याय के प्रशासन में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य मानकों का पालन भी शामिल है. वे न्यायिक अकादमी, झारखंड की ओर से राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों के दूसरे चरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र आयोजित

झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि भारतीय और बांग्लादेशी कानूनों के तुलनात्मक पहलुओं के बारे में न्यायाधीशों को शिक्षित करने और न्यायालयों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक करने के लिए भारतीय मूल और प्रक्रियात्मक कानूनों के विभिन्न विषयों पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र आयोजित किए गए.

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चार दिनों तक मिलेगा प्रशिक्षण

उद्घाटन सत्र में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. प्रशिक्षण में बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया. इन्हें अगले चार दिनों में न्यायिक अकादमी, झारखंड में प्रशिक्षण दिया जाएगा. उद्घाटन समारोह की शुरुआत जस्टिस चंद्रशेखर के स्वागत भाषण से हुई. इसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने उद्घाटन भाषण दिया. न्यायिक अकादमी के निदेशक सुधांशु कुमार शशि के धन्यवाद के साथ पहले दिन का कार्यक्रम संपन्न हुआ.

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