झारखंड: पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर बैंक PO ने कर ली आत्महत्या, इनलोगों को ठहराया जिम्मेदार
सुसाइड नोट में सुप्रियो ने लिखा है कि वर्ष 2018 में रामगढ़ में टैंकर लोन देने में बैंक के कुछ अधिकारियों ने कैसे धोखाधड़ी की. उस धोखाधड़ी से संबंधित कई सबूत मैंने जुटाये. उस फ्रॉड लोन मामले की जांच सीबीआइ ने शुरू की और मुझसे भी पूछताछ हुई
बैंक ऑफ इंडिया, रामगढ़ कैंट शाखा में कार्यरत पीओ सुप्रियो मजूमदार ने रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के अनंतपुर स्थित अपने आवास पर रविवार को फांसी लगा आत्महत्या कर ली. उन्होंने पांच पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा है. इसमें उन्होंने रामगढ़ पुलिस, तत्कालीन सीनियर मैनेजर (क्रेडिट) बीके सिंह, चीफ मैनेजर और ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार बेहरा को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. इधर, सूचना मिलने पर चुटिया पुलिस उनके अनंतपुर (फोर्थ स्ट्रीट) स्थित आवास पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा.
सुसाइड नोट में सुप्रियो ने लिखा है कि वर्ष 2018 में रामगढ़ में टैंकर लोन देने में बैंक के कुछ अधिकारियों ने कैसे धोखाधड़ी की. उस धोखाधड़ी से संबंधित कई सबूत मैंने जुटाये. उस फ्रॉड लोन मामले की जांच सीबीआइ ने शुरू की और मुझसे भी पूछताछ हुई. सारे साक्ष्य देखने के बाद सीबीआइ ने मुझे (सुप्रियो) क्लीन चिट दे दी. इसके बाद मैं सीबीआइ के गवाह बन गया. उसके बाद भी रामगढ़ पुलिस, तत्कालीन सीनियर मैनेजर बीके सिंह, चीफ मैनेजर व ब्रांच हेड प्रफुल्ल कुमार बेहरा ने मिलकर दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर समांतर जांच शुरू कर दी.
रामगढ़ पुलिस मुझे नोटिस देकर पूछताछ के नाम पर बुलाने लगी. सीबीआइ जांच होने के बाद भी पुलिस मामले की जांच के नाम पर मुझे तंग करती रही. इस कारण मैं अनावश्यक रूप से परेशान होने लगा. मैं अपनी सच्चाई बताने के लिए रामगढ़ पुलिस के कई बड़े अधिकारी के पास गया, लेकिन मेरी बात किसी ने नहीं सुनी. सुप्रियो ने सुसाइड नोट में लिखा है कि रामगढ़ पुलिस की प्रताड़ना से परेशान होकर वह जान देने के लिए बाध्य हो गये. बताया जाता है कि सुप्रियो की कुछ साल पहले ही शादी हुई थी. घर में पत्नी के अलावा बैंक ऑफ इंडिया से ही रिटायर्ड पिता और एक बहन हैं.
पक्ष रखने के लिए दी गयी थी नोटिस
इस तरह के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए जिस पर प्राथमिकी दर्ज हुई है, उसे नोटिस दी जाती है. सुप्रियाे मजूमदार को भी जांच के क्रम में नोटिस दी गयी थी कि आप अपना पक्ष आकर रखें. इसके अलावा प्रताड़ित किये जाने जैसी कोई बात नहीं है.
– रोहित कुमार, थाना प्रभारी, रामगढ़