स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और विधायक सरयू राय के बीच सदन में नोंक-झोंक हुई. दवा खरीद में अनियमितता को लेकर सरयू राय का सवाल सदन में आया. श्री राय का कहना था कि मंत्री गलत व भ्रामक जवाब दे रहे हैं. श्री राय मंत्री के जवाब पर यह जानना चाह रहे थे कि भारत सरकार का आदेश बाध्यकारी है या सलाह के रूप में है. मंत्री का कहना था कि बाध्यकारी है. श्री राय ने कहा कि ऐसा नहीं है.
सदन में विपक्ष का व्यवधान चल रहा था. हो-हल्ला के कारण श्री राय अपनी बात नहीं रख पा रहे थे. उधर, मंत्री श्री गुप्ता भी पक्ष रख रहे थे. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कार्यवाही शुरू हुई, तो विधायक श्री राय ने मंत्री पर सदन की अवमानना का मामला चलाने की मांग की. इसके लिए विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने का आग्रह स्पीकर से किया.
श्री राय का कहना था कि मंत्री गलत तथ्य दे रहे हैं. वह गुमराह कर रहे हैं. विभाग इस अनियमितता से बच नहीं सकता है. हो-हल्ला के बीच श्री राय सदन का बहिष्कार करते हुए बाहर चले गये. इधर, उन्होंने स्पीकर से लिखित शिकायत कर विशेषाधिकार हनन का मामला चलाने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा है कि मंत्री ने सदन के सामने असत्य कहा है और अपना भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश की है.
श्री राय ने घोटाले से संबंधित कई तथ्य स्पीकर को दिये हैं. श्री राय ने बताया कि रसायन व उर्वरक मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी संस्थाओं से ही दवा खरीद करना बाध्यकारी नहीं है. श्री राय ने स्पीकर को बताया है कि पक्की सूचना है कि मंत्री के नजदीकी और उनके दल के प्रदेश स्तर के एक नेता के पास कर्नाटका एंटीबॉयोटिक्स का झारखंड में सीएनएफ है.
कर्नाटका एंटीबॉयोटिक्स ने रांची की यूनिक फार्मा से एक एग्रीमेंट किया है, जिसके अनुसार उसे 12 से 15 प्रतिशत कमीशन दवाओं की बिक्री पर कंपनी देगी़ यूनिक फार्मा का राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से क्या संबंध है और कर्नाटका एंटीबॉयोटिक्स ने इसके माध्यम से मंत्री को कितना उपकृत किया है, इसकी जांच होनी चाहिए.