रांची. लोकसभा चुनाव को लेकर जिन पार्टियों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, वैसे प्रत्याशी चुनावी तैयारी में जुट गये हैं. मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए वे तैयारी में लगे हैं. हालांकि, प्रचार-प्रसार के जो माध्यम और संसाधन हैं, वह भी बदल चुके हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया को हथियार बनाया है. वहीं, स्थानीय स्तर पर झंडा, बैनर और पोस्टर बनाने वाले छोटी पार्टियों के भरोसे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि नामांकन के बाद ही ऑर्डर मिलेगा. जबकि, बड़ी पार्टियां स्थानीय की जगह दिल्ली से ही झंडा, टोपी, बैनर और पोस्टर भेज रही हैं. वहीं, बड़ी पार्टियां बकायदा, इसके लिए एजेंसी का सहारा ले रही हैं, वही सारा कुछ मैनेज करेंगे.
लगभग 30 प्रतिशत सोशल मीडिया ने जगह ली
राजनीतिक पार्टियों के संयोजक का कहना है कि पहले की तुलना में झंडा, बैनर और पोस्टर में कटौती हुई है. लगभग 30 प्रतिशत जगह सोशल मीडिया ने ली है. जबकि, झंडा और बैनर की हिस्सेदारी घट कर लगभग 35 प्रतिशत रह गयी है. वहीं, बाकी हिस्सेदारी अन्य प्रचार-प्रसार के माध्यम में शामिल है. उनका कहना है कि इलेक्शन हाइटेक हो गये हैं. डिजिटल वॉर चल रहा है. कई जगहों पर बैनर और पोस्टर की जगह सोशल मीडिया ने ली है. डिजिटल प्रचार ने कागजी प्रचार-प्रसार की जगह ले ली है. जहां पर प्रत्याशी नहीं पहुंच पायेंगे, वहां तक डिजिटल की पहुंच हैं.