रांची : कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से न्यायालयों में कामकाज ठप है. सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कुछ अत्यंत जरूरी मामलों की ही सुनवाई होती है. 40 दिनों से न्यायालयों में कार्य ठप हो जाने के कारण 35000 अधिवक्ता संकट में हैं. उनके समक्ष परिवार चलाने का संकट पैदा हो गया है. आर्थिक परेशानियों से अधिवक्ताअों को बाहर निकालने के लिए बार काउंसिल ने केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद से अधिवक्ताओं के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की है.
काउंसिल के उपाध्यक्ष सह अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के महामंत्री राजेश कुमार शुक्ल ने विधि मंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह तेलंगाना, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु की सरकार सहयोग कर रही है, वैसा ही सहयोग झारखंड के अधिवक्ताअों को दिया जाना चाहिए.
अधिवक्ताअों के कल्याणकारी योजनाअों के लिए राशि दी जाती है. श्री शुक्ल ने कहा कि अधिवक्ता इस कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी में केंद्र सरकार व झारखंड सरकार के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे है तथा लोंगो को जागरूक करने के लिए हर संभव सहयोग भी कर रहे है.