सामुदायिकता और प्रकृति पर आधारित है आदिवासियों की पड़हा व्यवस्था

बारह पड़हा सरना प्रार्थना सभा भोन्डा (दलादिली के पास) की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को सेमिनार सहित कई कार्यक्रम हुए.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 12:21 AM

रांची. बारह पड़हा सरना प्रार्थना सभा भोन्डा (दलादिली के पास) की 15वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को सेमिनार सहित कई कार्यक्रम हुए. वक्ताओं ने सरना समुदाय के धार्मिक, सामाजिक व्यवस्था व अन्य मुद्दों पर विचार दिये. जिला परिषद सदस्य अमर उरांव ने कहा कि आदिवासियों की अपनी पड़हा व्यवस्था है. यह व्यवस्था सामुदायिकता और प्रकृति पर आधारित है. केंद्रीय सरना समिति भारत के अध्यक्ष नारायण उरांव ने कहा कि अपनी व्यवस्था को बचाते हुए समय के अनुसार हमें ढलना होगा. विकास के लिए सबसे जरूरी है शिक्षा. शिक्षा से ही हमारा समुदाय आगे बढ़ सकता है. सोमनाथ उरांव ने कहा कि अगुआ स्व वीरेंद्र भगत के दिखाये रास्ते पर आगे बढ़ना है. इसके अलावा समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास सहित अन्य बातों पर भी वक्ताओं ने विचार रखे. सभा की ओर से दो गरीब जो़ड़ों का विवाह भी कराया गया. इनमें मंगरा का विवाह प्रिया और नेहा का विवाह परदेशिया से हुआ. नवविवाहित जोड़ों को समाज के लोगों ने बर्तन, जरूरी वस्तुओं सहित आशीर्वाद देकर विदा किया. देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. बारहों मास होनेवाले गीत व नृत्यों की प्रस्तुति की गयी. इस अवसर पर मुड़मा पाहन, सभा के अध्यक्ष रामदेव उरांव, सचिव सीमा उरांव, सचिव सरिता उरांव, कोषाध्यक्ष शिबू उरांव, जौरा उरांव, सोमनाथ उरांव, रेणु उरांव, नमीता उरांव, जोसफिना उरांव आदि मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version