रांची. स्नान दान की पूर्णिमा 22 जून (शनिवार) को है. इसी दिन भगवान जगन्नाथ स्वामी की स्नान यात्रा होगी. इस दिन प्रात: 6.19 बजे तक पूर्णिमा है. उदया तिथि में पूर्णिमा मिलने के कारण सारा दिन इसका मान्य है. इसी दिन संत कबीर की जयंती भी मनायी जायेगी.
दिन के 1.30 बजे होगी स्नान यात्रा
शनिवार को दिन के 1.30 बजे भगवान की स्नान यात्रा होगी. इससे पूर्व भगवान की पूजा की जायेगी. इसके बाद भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र स्वामी, बहन सुभद्रा सहित अन्य विग्रहों को बारी-बारी से स्नान मंडप में लाकर रखा जायेगा. फिर स्नान कराया जायेगा. इसके बाद भगवान की आरती की जायेगी और प्रसाद का वितरण किया जायेगा. इसके बाद स्नान मंडप से एकांतवास में ले जाया जायेगा. वहां भगवान 15 दिनों तक रहेंगे. इन 15 दिनों के अंदर मूर्तिकार भगवान की प्रतिमा का रंग रोगन कर उनका शृंगार करेंगे. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी छह जुलाई को भगवान एकांतवास से बाहर आयेंगे. शाम में साढ़े चार बजे के बाद उनका नेत्र दान कर मंगल आरती की जायेगी और उन्हें मालपुआ सहित अन्य प्रसाद अर्पित कर भक्तों के बीच इसका वितरण किया जायेगा. इस दिन भगवान रात भर स्नान मंडप में रहेंगे और अगले दिन सुबह रथ यात्रा के दिन पुन: भक्तों को यहीं पर दर्शन देंगे. इसी दिन रथ यात्रा का त्योहार मनाया जायेगा. इस दिन शाम में भगवान रथ पर आरुढ़ होकर मौसीबाड़ी जायेंगे. फिर 17 जुलाई को हरिशयनी एकादशी के दिन भगवान मौसीबाड़ी से वापस अपने घर (मुख्य मंदिर) लौटेंगे. इसी के साथ रथयात्रा का समापन हो जायेगा.
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