BAU: Alumni Meet में बोलीं JPSC अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा, कृषि विभाग में कार्य नहीं करने का है मलाल
बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि रांची कृषि महाविद्यालय अब कृषि संकाय के नाम से जाना जाता है. 6 वर्षों में संकाय के अधीन 5 नये महाविद्यालय जुड़े हैं. जेपीएससी अध्यक्ष से शिक्षकों/वैज्ञानिकों के प्रमोशन एवं बहुतायत खाली पदों पर नियुक्ति में सकारात्मक सहयोग देने का अनुरोध किया.
रांची. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित रांची कृषि महाविद्यालय (आरएसी) का दो दिवसीय 14वां वार्षिक एल्युमनी मीट (एरेक) शनिवार को शुरू हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर आरएसी की छात्रा रहीं डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पीएचडी तक की उच्च शिक्षा हासिल की, लेकिन उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में कृषि विभाग में कार्य नहीं करने का मलाल रहा है. कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि रांची कृषि महाविद्यालय अब कृषि संकाय के नाम से जाना जाता है. 6 वर्षों में संकाय के अधीन 5 नये महाविद्यालय जुड़े हैं. जेपीएससी अध्यक्ष से शिक्षकों/वैज्ञानिकों के प्रमोशन एवं बहुतायत खाली पदों पर नियुक्ति में सकारात्मक सहयोग देने का अनुरोध किया.
इन्हें मिला अवार्ड
मौके पर पूर्ववर्त्ती छात्रों के समूह ‘एरेक’ के सौजन्य से जेपीएससी अध्यक्ष द्वारा अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सीरी कलाम एवं सुकिया परवीन को मोमेंटो, सर्टिफिकेट एवं 2 हजार पारितोषिक चेक देकर प्रो एमए मोहसिन अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसी तरह कुलपति डॉ ओएन सिंह ने स्पोर्ट्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पायल मार्शल सोरेन एवं अंजेल शुशान्ति पूर्ति तथा कल्चरल गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए धनंजय एवं अनिपा लकड़ा को मोमेंटो, सर्टिफिकेट एवं 2 हजार पारितोषिक चेक देकर डॉ डीएन झा मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया.
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65 बैच को दी गयी मानद उपाधि
एरेक के अध्यक्ष डॉ अब्दुल वदूद ने स्वागत भाषण में कहा कि 1955 में स्थापित रांची कृषि महाविद्यालय ने करीब 68 वर्षों के सफ़र में करीब 65 बैच को मानद उपाधि दी है. कार्यक्रम का संचालन रेडियो हरियाली समन्यवयक शशि सिंह तथा धन्यवाद एरेक सचिव डॉ परवेज आलम ने दी. मीट में पूर्ववर्त्ती छात्रों में डॉ पीएन वर्मा, डॉ केके सहाय, डॉ एके सरकार, डॉ आरएस यादव, डॉ केडी सिंह एवं कृषि विभाग के डॉ एमएसएएम शिवा, उमेश प्रसाद, मुकेश सिन्हा, संतोष कुमार, आशा गुप्ता, संतोष लकड़ा समेत अन्य शामिल थे.