ऑटो पर बैठने से पहले हो जाएं सावधान ! रांची में बिना परमिट चल रहे 11 हजार ऑटो चालक यात्रियों की जिंदगी से कर रहे खिलवाड़, ट्रैफिक पुलिस अब ऐसे कसेगी नकेल

Jharkhand News, रांची न्यूज : राजधानी रांची के शहरी क्षेत्र में बगैर परमिट ऑटो चलानेवाले चालकों को अब गिरफ्तार किया जायेगा और उनके वाहन जब्त किये जायेंगे. गिरफ्तारी के बाद संबंधित थाना में सनहा दर्ज कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये न्यायालय में अभियोजन दायर किया जायेगा. इस कार्रवाई को लेकर ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने डुंगडुंग ने रिपोर्ट तैयार की है, जिसे रिपोर्ट सभी ट्रैफिक थानेदारों को दी गयी है. वहीं इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी ट्रैफिक के दोनों डीएसपी को सौंपी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 1, 2021 4:21 PM

Jharkhand News, रांची न्यूज : राजधानी रांची के शहरी क्षेत्र में बगैर परमिट ऑटो चलानेवाले चालकों को अब गिरफ्तार किया जायेगा और उनके वाहन जब्त किये जायेंगे. गिरफ्तारी के बाद संबंधित थाना में सनहा दर्ज कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये न्यायालय में अभियोजन दायर किया जायेगा. इस कार्रवाई को लेकर ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने डुंगडुंग ने रिपोर्ट तैयार की है, जिसे रिपोर्ट सभी ट्रैफिक थानेदारों को दी गयी है. वहीं इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी ट्रैफिक के दोनों डीएसपी को सौंपी गयी है.

ट्रैफिक एसपी ने अपनी रिपोर्ट में उषा देवी बनाम भारत संघ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख किया है. लिखा है कि यदि गैर बीमाकृत ऑटो में सवारी बैठाये जाते हैं और सवारी घायल होता है या उसकी मौत हो जाती है, उस स्थिति में उक्त वाहन को नीलाम कर नीलामी की राशि मोटरयान दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के माध्यम से पीड़ित पक्ष को मुआवजे के रूप में प्रदान किया जायेगा. वहीं राष्ट्रीय बीमा कंपनी बनाम प्रणय सेठी में संवैधानिक न्यायिक पीठ की ओर से पारित आदेश के अनुसार दुर्घटना के शिकार की भविष्य की आर्थिक संभावनाओं को देखते हुए मुआवजा राशि का निर्धारण करना है. इस तरह एमएसीटी के पास ऐसे वाहन के मामले में यही विकल्प है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में ऑटो रिक्शा की नीलामी कर पीड़ित पक्ष को मुआवजा प्रदान करे.

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ट्रैफिक एसपी ने अपनी रिपोर्ट में कांटाटोली में 17 मार्च को ऑटो की चपेट में आने से महिला चिंता देवी की मौत का उल्लेख किया है. उन्होंने लिखा है कि जिस ऑटो के धक्के से महिला की मौत हुई. उस ऑटो के मालिक ने ऑटो का बीमा नहीं कराया था. इस स्थिति में मृतक के परिवार को संपूर्ण मुआवजा नहीं मिल सकेगा. ऐसे में आम लोगों के हित को ध्यान में रखकर आवश्यक है कि बगैर बीमा व परमिट के ऑटो परिचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगायें. दुर्घटना के आलोक में उसे धारा 108, 112 व 120 के तहत दोषी माना सकता है.

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ट्रैफिक एसपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि बगैर परमिट के चलनेवाले ऑटो रिक्शा या वाहन किसी भी परिस्थिति में बीमा अनुबंध के तहत पंजीकृत नहीं हो सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में यदि कोई गैर परमिट धारी अपने ऑटो या वाहन में सवारी बैठाता है और दुर्घटना में यात्री घायल होते हैं या मौत होती है, तब ऐसी स्थिति में कानूनी रूप से ऑटो का चालक जिम्मेवार नहीं होगा. क्योंकि ऑटो बीमाकृत नहीं है. वहीं घायल, मृत यात्री या उसके परिवार को मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा सकता है.

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राजधानी में चल रहे लगभग 11 हजार ऑटो चालकों के पास परमिट नहीं है. यदि बगैर परमिट के ऑटो पर यात्री सफर करते हैं और दुर्घटना में वह घायल होते हैं या उनकी मौत हो जाती है, तो पीड़ित पक्ष को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार संपूर्ण मुआवजा का लाभ नहीं मिल पायेगा. राजधानी में 13 हजार से अधिक ऑटो का परिचालन हो रहा है़ इनमें मात्र 2335 ऑटो के पास ही परमिट है. इनमें डीजल और पेट्रोल ऑटो शामिल है़ं बगैर परमिट के ऑटो में बैठने के बाद दुर्घटना में घायल या मौत होने पर ऑटो को जब्त कर उसकी नीलामी से प्राप्त राशि ही पीड़ित पक्ष को दी जायेगी.

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डीजल ऑटो चालक महासंघ के दिनेश सोनी ने कहा कि राजधानी के 13 हजार में से आठ हजार ऑटोवालों के पास इंश्योरेंस है, लेकिन बगैर परमिट के इंश्योरेंस मान्य नहीं है़ ऐसी स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त पुराने ऑटो को नीलाम करने पर 10 से 15 हजार या इससे अधिक राशि नहीं मिल पायेगी.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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