जज हों, मंत्री हों या फिर कोई अधिकारी, सख्ती से करायें लॉकडाउन के नियमों का पालन : झारखंड हाइकोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाअों पर सुनवाई की
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुक्रवार को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाअों पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए लॉकडाउन गाइडलाइन के उल्लंघन को गंभीरता से लिया. सरकार को लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने माैखिक रूप से सरकार को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए. चाहे वह जज, मंत्री, विधायक या अधिकारी ही क्यों न हो. नियम सब पर समान रूप से लागू होना चाहिए. यह सबकी सुरक्षा के लिए है और किसी को भी जान जोखिम में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि जांच कम क्यों हो रही है? जांच की गति पर असंतोष प्रकट करते हुए कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने महाधिवक्ता को एक विस्तृत रिपोर्ट संकलित कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. टेस्टिंग की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 31 जुलाई की तिथि निर्धारित की.
इससे पूर्व एमीकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि कोरोना से बचनेे के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों का आम लोग उल्लंघन कर रहे हैं. नेता व अधिकारी भी निर्देशों को नहीं मान रहे हैं. लोग सड़कों पर बिना मास्क पहने घूम रहे हैं. कोरोना की जांच भी कम हो रही है.
मंत्री की पार्टी में नियमों का नहीं हुआ पालन : सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि राज्य के पेयजल व स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा आवास पर एक पार्टी आयोजित की गयी थी. पार्टी में कोरोना संक्रमण को रोकने से संबंधित नियमों का पालन नहीं किया गया. बाद में मंत्री श्री ठाकुर को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया. उन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है. पार्टी में कई अधिकारी3, विधायक व यहां तक की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए थे. अब सीएम ने स्वयं को कोरेंटिन कर लिया है.
मंत्री की पार्टी में नियमों का नहीं हुआ पालन : सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि राज्य के पेयजल व स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा आवास पर एक पार्टी आयोजित की गयी थी. पार्टी में कोरोना संक्रमण को रोकने से संबंधित नियमों का पालन नहीं किया गया. बाद में मंत्री श्री ठाकुर को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाया गया. उन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है. पार्टी में कई अधिकारी3, विधायक व यहां तक की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए थे. अब सीएम ने स्वयं को कोरेंटिन कर लिया है.
राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि पलामू, दुमका व हजारीबाग में कोरोना टेस्टिंग लैब शुरू करने की तैयारी है. संदिग्धों की प्रतिदिन जांच की जा रही है. इसमें कोई कमी नहीं आयी है. उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने कोरोना वायरस से निबटने की तैयारियों में कमी को रेखांकित करते हुए चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था, जिसे हाइकोर्ट ने जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
लॉकडाउन में अभी और छूट बढ़ने की उम्मीद नहीं : कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की वजह से राज्य में लागू पाबंदियों में 31 जुलाई तक और कोई छूट मिलने की संभावना नहीं है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लॉकडाउन में कोई नयी ढील नहीं दी जायेगी. ग्रामीण इलाकों में कपड़े समेत सभी गैर जरूरी चीजों की दुकानों को खोलने पर लगी पाबंदी जारी रहेगी.
वहीं, बसों का अंतर जिला और अंतरराज्यीय परिचालन अगले आदेश तक बंद रहेगा. इसके अलावा धार्मिक स्थल, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, मीटिंग हॉल, पार्क, जिम जैसी सभी जगहें, जहां भीड़ होने की संभावना हो, बंद रखी जायेंगी. संक्रमण की संभावना कम करने के लिए सैलून और ब्यूटी पार्लर भी नहीं खोले जायेंगे.
कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षतावाली उच्चस्तरीय कमेटी लॉकडाउन के दौरान लगायी गयी पाबंदियों को कम करने और बसों का परिचालन शुरू करने पर मंथन कर रही थी. पिछले 10 दिनों में संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर फिलहाल पाबंदियों में छूट बढ़ाने का विचार त्याग दिया गया है. मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को पाबंदियों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है.
Post by : Pritish Sahay