झारखंड में B.Ed छात्राओं को दोबारा लेनी होगी ग्रामीण स्कूलों में ट्रेनिंग, जानिए क्या है मामला
राजकीय महिला बीएड कॉलेज, बरियातू की सत्र 2021-23 की 50 से अधिक छात्राओं ने कोर्स के मुताबिक स्कूलों में कुल पांच माह में तीन माह की प्रैक्टिस टीचिंग क्लास की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी. दोबारा ट्रेनिंग लेने के आदेश का सभी छात्राओं ने सोमवार को विरोध किया.
शिक्षा विभाग ने पिछली ट्रेनिंग को रद्द करते हुए बीएड छात्राओं को पुन: पांच माह की ट्रेनिंग गांवों के स्कूलों में करने का निर्देश जारी किया है. यहां बताते चलें कि राजकीय महिला बीएड कॉलेज, बरियातू की सत्र 2021-23 की 50 से अधिक छात्राओं ने कोर्स के मुताबिक स्कूलों में कुल पांच माह में तीन माह की प्रैक्टिस टीचिंग क्लास की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी. दोबारा ट्रेनिंग लेने के आदेश का सभी छात्राओं ने सोमवार को विरोध किया. उन्होंने डीएसइ से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपते हुए पुन: ट्रेनिंग के आदेश को गलत बताते हुए वापस लेने का आग्रह किया.
इस मौके पर छात्राओं फलक फातिमा, पूर्णिमा कुमारी, ज्योति कुमारी, पल्लवी साधु, लवली कुमारी, जयंती कुमारी, डॉली कुमारी,अंकिता आरती, अनामिका,अनाहिता कुमारी, सोनम सुरभि, दिव्या तिग्गा, रेणु तिर्की, राजमणि लकड़ा, महिमा दास, मनीषा कुमारी, शैली कुमारी, याचिका कुमारी, अनम फारूकी, सुषमा कुमारी, देवी कुमारी व जयंती रागनी बाखला आदि ने कहा कि उन लोगों ने अपनी ट्रेनिंग लगभग पूरी कर ली है.
बताया गया कि छात्राएं हॉस्टल में और किराये पर घर लेकर ट्रेनिंग कर रही हैं और अपनी पढ़ाई कर रही हैं. छात्राओं को पुन: गांव में जाकर ट्रेनिंग करने से आर्थिक समस्याओं सहित अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. इस पर डीएसइ ने छात्राओं से शिक्षा सचिव या फिर झारखंड काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग के निदेशक के पास आग्रह करने की बात कही. छात्राओं के साथ शामिल पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक दूबे ने कहा कि वह छात्राओं का समर्थन करते हैं. इन छात्राओं की ट्रेनिंग और कोर्स की अवधि लगभग समाप्ति पर है. ऐसे में विभाग को पुनर्विचार करना चाहिए. श्री दुबे ने कहा है कि वह इसे लेकर शिक्षा सचिव व शिक्षा मंत्री से भी मिलेंगे.
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