रांची. संत मरिया महागिरजाघर में जन्म पर्व की आराधना में बड़ी संख्या में विश्वासी शामिल हुए. इस अवसर पर बाइबल पाठ हुए और मसीही गीत गाये गये. मसीही विश्वासियों ने ”खामोश रातों की ठंडी हवाओं से, आयी फरिश्तों की मीठी आवाज…, पैदा हुआ.. पैदा हुआ.. मुक्तिदाता हमारा पैदा हुआ”” सहित अन्य गीतों से यीशु की स्तुति की.
हमें भी चिंतन करने की आवश्यकता
बुधवार को दूसरी आराधना में फादर रॉबिन प्रफुल्ल ने उपदेश दिया. उन्होंने कहा कि चरनी में लेटा यीशु ईश्वर के असीम प्रेम और विनम्रता को दर्शाता है. यीशु ईश्वर के पुत्र थे. वह महल में पैदा हो सकते थे, लेकिन ईश्वर की योजना के अनुसार वह चरनी में पैदा हुए. उनके जन्म का संदेश स्वर्ग दूतों ने सबसे पहले गड़ेरियों को दिया, जो अनपढ़ थे, गरीब थे और समाज में सबसे निचले तबके के लोग थे. फिर जब वह स्वर्ग दूतों के समाचार के बाद गोशाला में पहुंचे, तो उन्होंने यीशु को चरनी में लेटा हुआ पाया. फादर रॉबिन ने कहा कि जगत का मुक्तिदाता बेघर, असहाय और गरीबी की अवस्था में पैदा होता है. उन्होंने कहा कि हमें भी चिंतन करने की आवश्यकता है कि जब हम किसी गरीब, भूमिहीन, असहाय और तिरस्कृत व्यक्ति को देखें, तो उनके प्रति हमारा रवैया कैसा होना चाहिए.
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