झारखंड में कैसे चुने जाते हैं सर्वश्रेष्ठ विधायक, क्या होता है पैमाना? जानें विस्तार से
माले विधायक विनोद सिंह को सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया है. इन्हें 22 नवंबर को झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किया जायेगा. विनोद सिंह बगोदर विधानसभा से तीन टर्म के विधायक हैं
माले विधायक विनोद सिंह को सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया है. इन्हें 22 नवंबर को झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किया जायेगा. विनोद सिंह बगोदर विधानसभा से तीन टर्म के विधायक हैं. इससे पहले साल 2021 में रामचंद्र चंद्रवंशी को सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था. झारखंड गठन के बाद से ही ये सम्मान देने की प्रक्रिया शुरू हुई. सबसे पहले वर्ष 2001 में विशेश्वर खां को सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कैसे सर्वश्रेष्ठ विधायक का चयन होता है और इसका चयन कौन करता है.
बनायी जाती है स्पेशल कमेटी
इसका चयन करने के लिए एक विशेष कमेटी बनायी जाती है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष के अलावा पक्ष विपक्ष के चुनिंदा विधायक शामिल होते हैं. इस बार इस कमेटी में अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के अलावा झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम, झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी, भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन, पत्रकार आनंद मोहन और सैयद जावेद शामिल थे.
क्या होता है पैमाना
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कार्य अनुभव-
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सदन के कार्यों को जानकारी-
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सदन के अंदर जन मुद्दों को कैसे उठाते हैं-
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सदन के विधायक का अनुशासन-
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विधायक की छवि-
पिता की हत्या के बाद आये राजनीति में विनोद सिंह
आपको बता दें कि पिता विधायक महेंद्र सिंह की हत्या के बाद विनोद सिंह सक्रिय राजनीति में आये थे. 16 जनवरी 2005 को नक्सलियों ने महेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. इसके बाद विनोद सिंह बगोदर विधानसभा से माले की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत कर विधायक बने.
वर्ष 2009 में बगोदर से ही दूसरी बार विधायक चुने गये. 2014 का विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाये. परंतु 2019 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने तीसरी बार चुनाव जीता. गौरतलब है कि विधानसभा में विनोद सिंह जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से रखते हैं.
अब तक के सर्वश्रेष्ठ विधायक
2001 विशेश्वर खां
2002 हेमलाल मुर्मू
2003 राजेंद्र प्रसाद सिंह
2004 लोकनाथ महतो
2005 अन्नपूर्णा देवी
2006 राधाकृष्ण किशोर
2007 पशुपति नाथ सिंह
2008 इंदर सिंह नामधारी
2010 जनार्दन पासवान
2011 माधव लाल सिंह
2012 रघुवर दास
2013 लोबिन हेंब्रम
2015 प्रदीप यादव
2016 स्टीफन मरांडी
2017 विमला प्रधान
2018 मेनका सरदार
2020 नलिन सोरेन
2021 रामचंद्र चंद्रवंशी