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झारखंड की निर्भया को न्याय मिलने के बाद बोले डीजीपी : पुलिस ने बेहतर काम किया, पीड़िता ने दिखायी हिम्‍मत

Nirbhaya Case Verdict : डीजीपी ने पीड़िता की भी सराहना की. उन्‍होंने कहा कि पीड़िता ने काफी हिम्‍मत का परिचय देते हुए घटना को पुलिस में दर्ज कराया. कानून के अनुसार आरोपियों की पहचान की.

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रांची : झारखंड की राजधानी रांची के कांके थाना क्षेत्र में हुई गैंगरेप की वारदात के बाद पुलिस की टीम ने बेहतर काम किया. एक-एक बिंदु की जांच की और पीड़िता ने हिम्मत दिखायी. इसलिए महज तीन महीने में झारखंड की निर्भया (Nirbhaya) के सभी आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुना दी. रांची के प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत के फैसले के बाद झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कमल नयन चौबे ने ये बातें कहीं.

कोर्ट के इस फैसले के बाद डीजीपी केएन चौबे ने पुलिस प्रशासन के काम की सराहना की. कहा कि पुलिस ने एफआइआर दर्ज होने के बाद से ही काफी सक्रियता के साथ कार्रवाई की. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने से लेकर कोर्ट में सबूत पेश करने तक में काफी मुस्तैदी दिखायी. यही वजह है कि आज कोर्ट ने दोषियों को इतनी कड़ी सजा दी है.

डीजीपी ने पीड़िता की भी सराहना की. उन्‍होंने कहा कि पीड़िता ने काफी हिम्‍मत का परिचय देते हुए घटना को पुलिस में दर्ज कराया. कानून के अनुसार आरोपियों की पहचान की. उसकी पहचान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और सभी आरोपियों को कोर्ट से कड़ी सजा मिल गयी.

उल्लेखनीय है कि 26 फरवरी, 2020 को अदालत ने सभी को दोषी करार दिया था. सजा सुनाने के पहले सजा के बिंदुओं पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. छात्रा से कांके के संग्रामपुर में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. जेल में टीआइ परेड में पीड़िता ने सभी आरोपियों की पहचान की थी.

अदालत ने स्पीडी ट्रायल कर 90 दिनों के अंदर इस मामले में फैसला सुनाया था. मामले में कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव को दोषी पाया गया था.

छात्रा से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी और सभी आरोपियों को 50-50 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस जघन्य अपराध के लिए आइपीसी की धारा 376D के तहत अंतिम सांस तक कारावास में रहने की सजा सुनायी है.

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