रांची. विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक शुक्रवार को संगम गार्डेन में हुई. बैठक में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) का झारखंड में संगठन विस्तार पर चर्चा हुई. इसके अलावा यह भी कहा गया कि देश के विभिन्न राज्यों में करोड़ों की संख्या में आदिवासी हैं. सभी को भारत आदिवासी पार्टी के बैनर तले लाने और पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए काम करने का निर्णय लिया गया. बैठक में कहा गया कि जल्दी ही झारखंड से आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि राजस्थान जायेंगे और भारत आदिवासी पार्टी के शीर्ष नेताओं से इन मुद्दों पर वार्ता करेंगे. भारत आदिवासी पार्टी की बबीता कच्छप ने इस अवसर पर कहा कि अभी तक आदिवासी समुदाय के लोग विभिन्न पार्टियों का झंडा ढोते आये हैं. मुख्यधारा की पार्टियों यहां तक कि क्षेत्रीय पार्टियों ने भी आदिवासियों का केवल इस्तेमाल ही किया है. अब नये विकल्प की जरूरत है और यह विकल्प भारत आदिवासी पार्टी ही दे सकता है. आदिवासी जनपरिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि झारखंड गठन का यह 24वां साल चल रहा है. पर अभी भी यहां के मुद्दे स्थानीय नीति, धर्मकोड आदि पर काम नहीं हो पा रहा है. हम चिंतन कर रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों को एक राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरना होगा. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों तक आदिवासियों को एक नया विकल्प मिलेगा और उनका अपना विकल्प होगा. लोहरा समाज के अध्यक्ष अभय भुटकुंवर ने कहा कि अब आदिवासियों के बीच एक नयी चिंगारी पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी शक्ति को उभरना होगा. इसके बिना हमलोगों का भला नहीं हो सकता. भारत आदिवासी पार्टी में वह क्षमता है कि आदिवासियों के बीच एक नयी ताकत के रूप में उभर सकती है. बैठक को आदिवासी सेना के अध्यक्ष अजय कच्छप, धनबाद के अलसा सोरेन, जमशेदपुर से आये इंद्र मुर्मू, बिरसा पाहन, रिचर्ड तिर्की सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया.
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