भारत बंद पर सत्ता पक्ष की मोरचाबंदी मंत्री-विधायक भी सड़क पर उतरे, भाजपा ने नाटक बताया

भारत बंद पर सत्ता पक्ष की मोरचाबंदी मंत्री-विधायक भी सड़क पर उतरे

By Prabhat Khabar News Desk | December 9, 2020 9:40 AM

रांची : किसान संगठनों के आहूत भारत बंद को लेकर मंगलवार को प्रदेश की राजनीति भी गरमा गयी है़ झारखंड में सत्ता पक्ष किसान संगठनों के आह्वान पर सड़क पर उतरा़ झामुमो, कांग्रेस, राजद व वाम दलों सहित सामाजिक संगठन बंद कराने उतरे़ केेंद्र सरकार की कृषि नीति को देश विरोधी बताया़ सत्ता पक्ष की मोरचा बंदी का असर बंद पर भी पड़ा़ मंत्री-विधायक सड़क पर बंद कराने उतरे़ किसानों के पक्ष में एकजुटता दिखायी़ वहीं भाजपा ने इसे यूपीए की राजनीतिक नाटक बताते हुए फ्लॉप बताया है़

पटना-जनशताब्दी को 15 मिनट रोका :

भारत बंद का असर रेलवे पर नहीं पड़ा. सीपीआरओ नीरज कुमार ने बताया कि पटना-जनशताब्दी ट्रेन को बोकारो में कुछ बंद समर्थकों ने थोड़ी देर के लिए रोका था. आरपीएफ और जीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें 15 मिनट बाद हटा दिया. हालांकि ट्रेन अपने निर्धारित समय से पहले बोकारो पहुंच गयी.

सचिवालय में बंद आंशिक असर: बंद का राज्य सरकार के कार्यालयों पर आंशिक असर देखा गया. सचिवालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति आम दिनों की ही तरह रही. रोजमर्रा का काम निपटाने में कोई परेशानी नहीं हुई.

किसानों को अपने ही खेत में मजदूर बनाने पर तुली हुई है केंद्र सरकार : डॉ रामेश्वर उरांव

रांची. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाये गये भारत बंद के दौरान मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरे.

साथ ही कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. कांग्रेस भवन से पदाधिकारियों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का दल श्रद्धानंद रोड, अपर बाजार, अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए सर्जना चौक पहुंचा. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारा लगाते हुए दुकान बंद रखने की अपील की गयी. मौके पर मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार ऐसी हठधर्मी सरकार सत्ता में आयी है, जो इन तीन काले कानून के जरिये किसानों को अपने ही खेत में मजदूरी करने पर विवश करना चाहती है.

किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी आज सड़कों पर है. सरकार अगर इन काले कानूनों को वापस नहीं लेगी, तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा. मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार मन की बात कर मनमानी कर रही है. इसे कांग्रेस पार्टी कभी सफल नहीं होने देगी. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों को परेशान कर रही है. अब हम चुप बैठने वाले नहीं हैं. विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि झारखंड समेत पूरे देश किसान काले कानून के विरोध में खड़े हैं.

कार्यक्रम में केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, दीपिका पांडेय सिंह, मानस सिन्हा, केएन त्रिपाठी, रमा खलखो, प्रवक्ता आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता, राजीव रंजन प्रसाद, शमशेर आलम, नेली नाथन, विनय सिन्हा दीपू, शशिभूषण राय, सुनील सिंह,, कमाल खान, जगदीश साहु, निरंजन पासवान, सलीम खान समेत कई कार्यकर्ता सड़क पर उतरे.

सीता सोरेन कार्यकर्ताआें संग उतरीं सड़क पर

रांची. बंद के समर्थन देने के लिए विधायक सीता सोरेन कार्यकर्ताओं संग सड़क पर उतरीं निकली. मेन रोड में पहुंचीं विधायक ने कहा कि झामुमो जल, जंगल, जमीन वाली पार्टी है. हम किसी भी हाल में किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे.

इस दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं ने अपर बाजार, अल्बर्ट एक्का चौक, मेन रोड, एकरा मस्जिद होते हुए कचहरी चौक, रातू रोड, पिस्का मोड़ की खुली दुकानों को बंद करवाया. मौके पर महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य, डॉ महुआ मांजी, मुश्ताक आलम, पवन जेडिया, अश्विनी शर्मा, आदिल इमाम, बीरू साहु, मधु तिर्की, आफताब आलम, नवीन चंचल सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.

ऐतिहासिक रही बंदी: पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा है कि काले किसान कानून के विरोध में झारखंड के लोगों ने एकजुटता दिखायी है. पूरे राज्य में ऐतिहासिक बंदी हुई है. बंद सफल बनाने में सहयोगी सभी व्यवसायी बंधुओं एवं वाहन मालिकों का आभार व्यक्त करता हूं.

वामदलों का राज्यभर में प्रदर्शन

रांची. भारत बंद के दौरान आह्वान का राज्य भर में असर देखा गया. विभिन्न पार्टियों के साथ वामदलों के नेता-कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे. इस दौरान अल्बर्ट एक्का चौक (रांची) पर जोरदार प्रदर्शन किया गया. कार्यकर्ताओं ने काफी देर तक यहां पर धरना पर बैठे रहे.

रोटी की माला पहन पहुंचे सुशांतो मुखर्जी : मासस के सुशांतो मुखर्जी रोटी की माला पहनकर विरोध में शामिल हुए. सुबह से ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हड़ताल का असर दिखा. बंद में भाकपा माले, भाकपा, माकपा, मासस, फॉरवर्ड ब्लॉक सहित झारखंड में संबद्ध बीएमएस को छोड़ सभी मजदूर संगठन शामिल थे.

किसान सभा ने निकाली रैली: बंद भाकपा और अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ता सड़क पर निकल कर आम जनता से केंद्र सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील की. भाकपा राज्य कार्यालय से अल्बर्ट एक्का चौक तक रैली निकाली गयी.

भारत बंद अभूतपूर्व :

भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि बंद को आम जनता की ओर से अभूतपूर्व समर्थन मिला है. केंद्र बंद की चेतावनी को समझे. माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बक्सी ने कहा कि भारत बंद को झारखंड में अभूतपूर्व समर्थन मिला. भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा क यह किसानों और आम जनता का आक्रोश है. यह केंद्र सरकार को चेतावनी है.

खुद मियां फजीहत, दीगरा नसीहत : दास

जमशेदपुर/रांची. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आराेप लगाया है कि किसानों के आंदोलन में विपक्षी पार्टियां भी घुस गयी हैं. लेकिन, इनका पाखंड कदम दर कदम छलक रहा है. वित्त मंत्री व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर उरांव का आदेश है कि किसानों से नमी वाला धान नहीं खरीदा जाये.

मंत्री और उनकी पार्टी चाहती है कि केंद्र सरकार किसानों की सारी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ले. मंत्री खुद नहीं खरीदेंगे, लेकिन केंद्र को नसीहत जरूर देंगे. विज्ञप्ति जारी कर पूर्व सीएम ने कहा कि कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किसानों के हित में सड़क पर उतरने की बात कही है, लेकिन सरकार में आते ही उन्होंने किसानों के लिए चल रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद कर दिया. किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है. सरकार उनकी उपज नहीं खरीद रही है,

लेकिन झामुमो-कांग्रेस किसानों का हितैषी बनने का स्वांग जरूर रच रहे हैं. इसी को कहते हैं खुद मियां फजीहत, दीगरा नसीहत. पूर्व सीएम ने कहा कि राहुल गांधी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कृषि उपज की खरीद का काम निजी हाथों में सौंपा जाना चाहिए.

दबाव को भी किसानों ने नकारा : भाजपा

रांची. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि जनता ने नये कृषि कानून का समर्थन करते हुए बंद के आह्वान को पूरी तरह नकार दिया है़ राज्य के शासक और सत्ताधारी दलों को जनता ने ठुकरा दिया है़ वामपंथी पार्टियां तो बिन पेंदी का लोटा हो गयी है, इसलिए पूरी दुनिया से समाप्त हो रही है़ं श्री प्रकाश पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में किसान शामिल नहीं थे़ आंदोलन में किसान के हित गौण है़ं उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वर्षों तक स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाले रखा. यूपीए शासन काल में एक लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की, पर ये चुप बैठे रहे़ जो दल आज कानून का विरोध कर रहे, उन्होंने अपने-अपने घोषणा पत्र और बयानों के माध्यम से कानून की बातों का समर्थन किया है़

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज कांग्रेस, शरद पवार, डीएमके, अकाली दल, समाजवादी पार्टी सबका दोहरा चरित्र उजागर हुआ है़ आम आदमी पार्टी ने तो दिल्ली में कानून को लागू करने की अधिसूचना तक 23 नवंबर को जारी कर दिया है़ श्री प्रकाश ने कहा कि झारखंड में किसानों के धान खरीद पर रोक लगाने वाली सरकार आज किसानों की हितैषी बनने का नाटक कर रही़

posted by : sameer oraon

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