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दुष्प्रचार के खिलाफ जंग: झारखंड के भरत नायक ने अमेरिका में सीखे Disinformation से लड़ने के गुर

बोकारो जिला के चलकारी बस्ती के रहने वाले भरत कुमार नायक ने बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्हें दुष्प्रचार के खिलाफ अभियान चलाने के बारे में अमेरिकी नीतियों के बारे में अहम जानकारियां मिलीं. भरत नायक भारत में गूगल न्यूज इनीशिएटिव ट्रेनर नेटवर्क का हिस्सा हैं.

Fight Against Disinformation: दुष्प्रचार के खिलाफ जंग में अमेरिका ने झारखंड के एक युवक को अपना साथी बनाया है. बोकारो के रहने वाले भरत नायक को इस जंग का हिस्सा बनने का अवसर मिला है. क्वाड देशों में दुष्प्रचार यानी डिसइन्फॉर्मेशन की पहचान करने और उससे लड़ने के लिए जो अभियान शुरू किया जा रहा है, उसमें भरत नायक को भी शामिल किया गया.

अमेरिका ने IVLP के लिए किया था आमंत्रित

अमेरिका में 10 सितंबर से 1 अक्टूबर 2022 के बीच इस संबंध में आयोजित इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम (IVLP) के लिए भरत को आमंत्रित किया गया था. इसका विषय था- ‘आईडेंटिफाइंग एंड कॉम्बैटिंग डिसइन्फॉर्मेशन इन द क्वाड’. इस कार्यक्रम में भरत के साथ-साथ भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के 10 लोगों ने हिस्सा लिया.

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बोकारो के रहने वाले हैं भरत कुमार नायक

बोकारो जिला के चलकारी बस्ती के रहने वाले भरत कुमार नायक ने बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्हें दुष्प्रचार के खिलाफ अभियान चलाने के बारे में अमेरिकी नीतियों के बारे में अहम जानकारियां मिलीं. भरत नायक भारत में गूगल न्यूज इनीशिएटिव ट्रेनर नेटवर्क का हिस्सा हैं. पत्रकारिता पढ़ाने वाले कॉलेजों के अलावा वह अलग-अलग मीडिया संस्थान के न्यूजरूम को भी ऑनलाइन डिसइन्फॉर्मेशन से कैसे बचें, इसके गुर सिखाते हैं.

सोशल मीडिया पर चला चुके हैं कई अभियान

नेट न्यूट्रैलिटी और एसिड की बिक्री बंद करने के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला चुके भरत नायक झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में दुष्प्रचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए एक वर्कशॉप की शुरुआत करना चाहते हैं. वह महिलाओं को डिजिटल साक्षर बनाने की भी इच्छा रखते हैं. खासकर ऐसी महिलाओं को, जो अपना बैंक अकाउंट तक ऑपरेट नहीं कर पातीं.

अमेरिका में सीखी कई तकनीक

भरत नायक ने बताया कि अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान वर्तमान दौर में दुष्प्रचार और भ्रामक सूचनाओं की पहचान करने वाली तकनीक के बारे में जाना. इस दौरान उन्होंने दुष्प्रचार की वजह से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के बारे में बताया. उन्होंने फैक्ट चेकिंग, इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म के साथ-साथ भ्रामक तथ्यों के खिलाफ विशेष अभियान पर जोर दिया.

दुष्प्रचार की पहचान और रोकथाम पर हुई चर्चा

उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि किसी संगठन या व्यक्ति विशेष की ओर से फैलाये जाने वाले दुष्प्रचार को कैसे रोका जाये. अमेरिका में भरत नायक की अमेरिकी सरकार के कई प्रतिनिधियों, नीति निर्धारकों, पत्रकारों के अलावा स्टैनफोर्ड, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी, मिसौरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के साथ इस विषय पर चर्चा की. इस कार्यक्रम में विशेष रूप से चीन और रूस की ओर से फैलाये जाने वाले दुष्प्रचार की पहचान और उसकी रोकथाम पर चर्चा हुई.

कई कंपनियों के प्रतिनिधियों से हुई भरत की मुलाकात

इक्कीस दिन के इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने कई कॉन्फ्रेंस, सेमिनार के अलावा वन टू वन मीटिंग में भी हिस्सा लिया. ये प्रोग्राम वाशिंगटन डीसी, सेंट लूइस, मिसौरी, सिएटल और सैन फ्रांसिस्को में आयोजित किये गये. माइक्रोसॉफ्ट, पुलित्जर सेंटर, डिजिटल फॉरेंसिक रिसर्च लैब ऑफ अटलांटिक काउंसिल, इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइबर पॉलिसी सेंटर और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों से भी भरत की मुलाकात हुई.

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