रांची: भारतीय मजदूर संघ के दो दिवसीय अधिवेशन का रविवार को रांची में समापन हो गया. अधिवेशन में श्रमिक नेताओं ने कहा कि श्रमिकों के साथ ही औद्योगिक संस्थानों व देश के हितों की रक्षा होनी चाहिए. सीबीओओ के महामंत्री नवीन कुमार सिंह ने कहा कि मजदूर-श्रमिक क्षेत्र के लोगों की अगर कोई सही नुमाइंदगी करता है तो वो भारतीय मजदूर संघ है. उन्होंने कहा कि देश के श्रमिकों के साथ दूसरे देशों में काम कर रहे माइग्रेंट लेबर के हितों का ख्याल रखा जाना चाहिए. असंगठित क्षेत्र के लोगों के हितों पर हमारा खास फोकस रहेगा और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके. अधिवेशन में कहा गया कि असंगठित श्रमिकों के वेतन, समाजिक सुरक्षा और रोजगार गारंटी, भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, चांद-भैरव की कर्मस्थली झारखंड मेहनत से अपना भाग्य बदलने वाले मजदूरों का प्रधान राज्य है.
मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 693 रुपए हो
दो दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह सहित आए हुए अतिथियों ने किया. इस मौके पर बताया गया कि झारखंड के कुल 24 जिलों में कुल श्रम बल 81 लाख है, जिसमें 18 लाख संगठित क्षेत्र से एवं 63 लाख असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हैं. इन मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी का प्रस्ताव लाया गया. दिहाड़ी मजदूर, मोटिया मजदूर, मनरेगा और अन्य असंगठित कार्य करने वाले ठेका मजदूरों को जो न्यूनतम मजदूरी दी जाती है, वह भारत सरकार की तय न्यूनतम मजदूरी से कम दी जाती है. वैसे भी झारखंड सरकार की न्यूनतम मजदूरी 379 रुपए है जो आज की महंगाई में बहुत कम है. सभी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 693 रुपए की जाए.
अधिवेशन में ये थे उपस्थित
अधिवेशन में रांची की पूर्व मेयर डॉ आशा लकड़ा, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उप महामंत्री, क्षेत्रीय संगठन मंत्र सुरेन्द्र पाण्डेय, क्षेत्रीय संगठन मंत्री भारतीय मजदूर संघ धर्मदास शुक्ला, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य भारतीय मजदूर संघ सुरेश प्रसाद सिन्हा, अखिल भारतीय महिला प्रमुख सुधा मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, प्रदेश मंत्री सुनिल कुमार एवं प्रदेश संगठन मंत्री बृजेश कुमार ने अधिवेशन में हिस्सा लिया.