Bhima Koregaon Case, Father Stan Swamy: रांची : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दिसंबर, 2017 में पुणे के नजदीक हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में 83 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को उनके रांची स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया. पुणे पुलिस और एनआइए के अधिकारी इस मामले में फादर स्वामी से पहले दो बार पूछताछ कर चुके हैं.
एनआइए के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से संपर्कों के चलते उन्हें गुरुवार की रात करीब आठ बजे एनआइए की टीम स्कॉर्पियो एवं जिप्सी लेकर फादर के बगइचा आवास पहुंची. महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में टीम ने स्टेन स्वामी से लगभग 20 मिनट तक पूछताछ की और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में गिरफ्तार होने वाले वह 16वें व्यक्ति हैं.
एनआइए के अधिकारियों ने कहा कि जांच में साबित हो चुका है कि वह भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में सक्रिय रूप से लिप्त थे. एनआइए का आरोप है कि वह अन्य साजिशकर्ताओं- सुधीर धवले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंजाल्विस, हेनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के साथ समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की खातिर संपर्क में थे.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि एजेंडा को विस्तार देने के लिए स्वामी को एक सहयोगी के माध्यम से वित्तीय मदद भी मिली. अधिकारियों के मुताबिक, वह भाकपा (माओवादी) के संगठन परसिक्युटेड प्रिजनर्स सॉलिडेरिटी कमेटी (पीपीएससी) के समन्वयक भी थे. एनआइए अधिकारियों ने कहा कि फादर स्वामी के पास से समूह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से संबंधित साहित्य, प्रचार सामग्री तथा अन्य दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं.
गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले स्वामी ने एक वीडियो पोस्ट करके कहा कि एनआइए उनसे पूछताछ कर रही है और बीते पांच दिन में उनसे 15 घंटे की पूछताछ की जा चुकी है. स्वामी ने वीडियो में कहा कि वह कभी भीमा-कोरेगांव नहीं गये. एनआइए को भीमा कोरेगांव मामले की जांच की जिम्मेदारी 24 जनवरी, 2020 को मिली थी.
Posted By : Mithilesh Jha