डॉ निशिकांत दुबे को हाइकोर्ट से बड़ी राहत, चार प्राथमिकी निरस्त

डॉ निशिकांत दुबे के वकील ने अदालत को बताया कि जो आरोप लगाया गया है, उसमें कोई आपराधिक मामला अथवा चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है. उन्होंने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2024 6:57 AM

वर्ष 2021 में हुए मधुपुर उपचुनाव के दाैरान आचार संहिता उल्लंघन व गलत ट्विट करने के मामले में आरोपी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की अदालत ने उनकी ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए दर्ज की गयी चार प्राथमिकी को निरस्त कर दिया. अदालत ने कहा कि जो आरोप लगाया गया है, उसमें मामला नहीं बनता है. पूर्व में अदालत ने अंतरिम आदेश पारित कर प्रार्थी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक भी लगायी थी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि जो आरोप लगाया गया है, उसमें कोई आपराधिक मामला अथवा चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का कोई मामला नहीं बनता है. उन्होंने पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ निशिकांत दुबे ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की थी. उन्होंने दर्ज प्राथमिकी को चुनाैती देते हुए निरस्त करने की मांग की थी.

वर्ष 2021 में मधुपुर उपचुनाव के दौरान सांसद निशिकांत दुबे पर गलत ट्वीट करने तथा बयानबाजी करने के मामले में देवघर टाउन थाना में अलग-अलग पांच प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी घटना के छह माह के बाद दर्ज की गयी है. डॉ निशिकांत दुबे का यह भी कहना था कि प्राथमिकी में जो धारा लगायी गयी हैं, उसमें सिर्फ शिकायतवाद दायर हो सकती है, एफआइआर नहीं दर्ज की जा सकती है.

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