झारखंड की ये दो बड़ी सड़क परियोजनाएं साल भर से अधर में, दोनों को बनाना है फोरलेन

झारखंड की दो सबसे बड़ी सड़क परियोजना पिछले 1 साल से अधर में लटका हुआ है. पहली योजना एनएच-23 पर पलमा से गुमला तक करीब 60 किमी की है. जबकि, दूसरी योजना एनएच-98 पर पड़वा मोड़ से हरिहरगंज तक बनना है

By Prabhat Khabar News Desk | January 11, 2022 8:54 AM

रांची : जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण राज्य की की दो बड़ी सड़क परियोजनाएं करीब एक साल से अधर में लटकी हुई हैं. पहली योजना एनएच-23 पर पलमा से गुमला तक करीब 60 किमी की है. जबकि, दूसरी योजना एनएच-98 पर पड़वा मोड़ से हरिहरगंज तक करीब 33 किमी की है. दोनों सड़कों को फोरलेन बनाना है.

योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया गया. इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल पलामू, गढ़वा, रांची व गुमला के उपायुक्तों से जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, जिसके बाद जमीन अधिग्रहण में तेजी आयी है. ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि मार्च से इन सड़कों को फोरलेन बनाने का काम शुरू हो जायेगा.

प्रावधान के मुताबिक किसी भी परियोजना के लिए कम से कम 80 प्रतिशत जमीन उपलब्ध होने के बाद ही एजेंसी के साथ ‘डेट ऑफ अप्वाइंटमेंट’ तय किया जाता है, लेकिन उक्त दोनों परियोजनाओं में अब तक 55 से 60 प्रतिशत तक ही जमीन उपलब्ध हो पायी है. गौरतलब है कि उक्त परियोजनाओं का टेंडर पहले ही फाइनल हो चुका है. लेकिन, जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण अब तक एजेंसियों के साथ न तो एग्रीमेंट किया गया है और न ही काम शुरू हो पाया है.

एनएचएआइ ने जिलों से किया था संपर्क :

इन दोनों सड़क परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) संबंधित जिला प्रशासन से लगातार संपर्क कर रहा था. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा था. इसी वजह से मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जमीन अधिग्रहण का काम तेज हो गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि फरवरी तक दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन मिल जायेगी. वहीं, मार्च से काम भी शुरू हो जायेगा.

मिर्जाचौकी-फरक्का फोरलेन का काम जल्द

साहिबगंज स्थित मिर्जाचौकी से फरक्का तक की सड़क को फोर लेन बनाने का काम जल्द शुरू कराया जायेगा. एनएच-80 के इस हिस्से पर करीब 36 किमी तक की सड़क का काम मेसर्स राम कृपाल कंस्ट्रक्शन को दिया गया है. कंपनी को यह काम पहले ही टेंडर के माध्यम से दे दिया गया था, लेकिन एग्रीमेंट नहीं हुआ था.

अब कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर लिया गया है. यानी डेट ऑफ अप्वाइंटमेंट तय हो गया है. पश्चिम बंगाल की सीमा तक सड़क को फोर लेन बनाने में करीब 711 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस हिस्से पर काम के लिए करीब 82% जमीन उपलब्ध है. शेष जमीन लेने की प्रक्रिया काम शुरू होने के साथ चलती रहेगी.

अब कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर लिया गया है. यानी डेट ऑफ अप्वाइंटमेंट तय हो गया है. पश्चिम बंगाल की सीमा तक सड़क को फोर लेन बनाने में करीब 711 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस हिस्से पर काम के लिए करीब 82% जमीन उपलब्ध है. शेष जमीन लेने की प्रक्रिया काम शुरू होने के साथ चलती रहेगी.

Posted by : Sameer Oraon

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