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झारखंड: बाइक समेत डायवर्सन से गड्ढे में गिरने के कारण दो लोगों की मौत, परीक्षा देने जा रहे थे रांची

मुरगू नदी पर पुल निर्माण के लिए बनाये गये डायवर्सन से बाइक सहित 30 फीट नीचे पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गयी.

मांडर : एनएच-75 स्थित मुरगू नदी में पुल निर्माण के लिए खोदे गये गड्ढे में सोमवार की देर रात बाइक समेत दो युवक गिर गये. इस हादसे में दो युवकों की मौत हो गयी. मृतकों की पहचान डकरा के खूंटीटोला निवासी विनीत तुरी (19) व करण तुरी (20) के रूप में की गयी है. दोनों रिश्ते में मौसेरे भाई थे. मांडर पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है. जानकारी के अनुसार विनीत तुरी रांची के एक संस्थान में आइटीआइ की पढ़ाई कर रहा था. 19 दिसंबर को उसकी परीक्षा थी.

वह परीक्षा देने के लिए पड़ोसी की बाइक लेकर मौसेरे भाई के साथ रांची जाने के लिए रात करीब नौ बजे घर से निकला था. इसी क्रम में मुरगू नदी पर पुल निर्माण के लिए बनाये गये डायवर्सन से बाइक सहित 30 फीट नीचे पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गयी. मांडर थाना प्रभारी विनय कुमार यादव ने बताया कि सुबह करीब छह बजे उन्हें घटना की सूचना मिली. वहां पुलिस की टीम पहुंची, तो दोनों युवकों शव पड़ा था और क्षतिग्रस्त स्थिति में बाइक (जेएच-01एफएफ-7103) पड़ी थी. छानबीन करने पर पता चला कि दोनों डकरा के रहनेवाले थे. करण तुरी के सिर व चेहरे पर गंभीर चोट के निशान थे.

दोनों के शव रात भर ठंडे पानी में पड़े रहे. घटनास्थल पर कोई हेलमेट नहीं मिला, जिससे जाहिर होता है कि दोनों बगैर हेलमेट के ही निकले थे. परिजनों के मुताबिक विनीत तुरी (पिता-विनोद तुरी) तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था. वहीं करण तुरी (पिता-स्व कृष्णा तुरी) चार बहनों में इकलौता भाई था. वह मजदूरी का काम करता था. घटना के बाद डकरा में मातम का माहौल है.

एनएचएआइ की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल

एनएच 75 पर मुरगू नदी में पुल निर्माण के लिए करीब एक साल से सिर्फ गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है. गड्ढे में गिरकर दो युवकों की मौत के बाद लोग एनएचएआइ की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों के अनुसार मुरगू नदी में पुल निर्माण के लिए गढ्ढे की खुदाई की गयी है. डायवर्सन भी बनाया गया है. लेकिन, नियमानुसार गढ्ढे से बचाव व दुर्घटना को रोकने के लिए ठोस इंतजाम नहीं किये गये हैं. डायवर्सन को भी ऊबड़-खाबड़ बना कर छोड़ दिया गया है. इस स्थिति में आये दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.

बरसात में यह डायवर्सन बह गया था. इस कारण दो दिनों तक एनएच में आवागमन बाधित था. हैरानी की बात है कि मांडर में एनएच पर एक साल से टोल टैक्स की वसूली की जा रही है. इसके बाद भी मुरगू नदी में अब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. स्थानीय लोगों के अनुसार जनप्रतिनिधि भी इस मामले में कभी गंभीर नहीं रहे हैं.

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