40th Year of Prabhat Khabar: झारखंड का सबसे लोकप्रिय अखबार प्रभात खबर अपने 40वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. जनसरोकार की पत्रकारिता, जल-जंगल-जमीन के संघर्ष की आवाज प्रभात खबर, रांची जैसे छोटे से शहर से प्रकाशित हुआ और देखते ही देखते राष्ट्रीय समाचार पत्रों के लिए भी नजीर बन गया. आज, 14 अगस्त को प्रभात खबर ने गौरवशाली 39 वर्षों का सफर पूरा किया है.
प्रभात खबर के 40वें साल पर रांची में निकली बाइक रैली
आज से ठीक 39 साल पहले, वर्ष 1984 में न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड (प्रबात खबर) की स्थापना हुई थी. इन 39 सालों में प्रभात खबर पर भी लोगों ने खूब प्यार लुटाया. अब यह भारत के शीर्ष मीडिया एवं संचार समूहों में एक है. प्रभात खबर झारखंड में पढ़ा जाने वाला नंबर 1 अखबार है. प्रभात खबर के 40वें साल पर झारखंड की राजधानी रांची में बाइक रैली निकाली गयी. इसमें प्रभात खबर रांची के 200 से अधिक कर्मचारियों (सभी विभागों के) ने हिस्सा लिया. यह रैली कोकर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित प्रभात खबर के कार्यालय से लालपुर, अल्बर्ट एक्का चौक से होटल रेडिशन ब्लू के पास स्थित विद्यापति चौक, कडरू, अरगोड़ा चौक, हरमू, राजभवन होते हुए ऑक्सीजन पार्क पहुंची.
मीडिया जगत की चुनौतियों पर हुई चर्चा
ऑक्सीजन पार्क पहुंचने के बाद प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी, कार्यकारी निदेशक आरके दत्ता और कार्यकारी संपादक अनुज कुमार सिन्हा ने संबोधित किया. सभी ने प्रभात खबर के कर्मचारियों की टीम भावना की सराहना की. साथ ही आने वाले वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में भी बताया. मीडिया जगत की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. बाइक रैली में प्रभात खबर के कर्मचारियों का उत्साह देखते ही बन रहा था. इस दौरान सड़क पर गुजर रहे राहगीरों की नजरें प्रभात खबर की रैली पर टीकी रह गईं. कई लोग वीडियो बनाते भी दिखे. प्रभात खबर के प्रति लोग चार दशकों से अपना प्यार लुटा रहे हैं, वहीं अखबार भी हमेशा उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतरने की भरपूर कोशिश करता है.
लोगों की आवाज और आत्मा बन चुका है प्रभात खबर
प्रभात खबर ने अब तक अनगिनत मुद्दे उठाये, जो बाद में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया. प्रभात खबर महज एक समाचार पत्र नहीं है. यह लोगों की आवाज और आत्मा बन चुका है. पत्रकारिता को समर्पित इस समाचार पत्र ने पत्रकारीय धर्म और उसके पारंपरिक मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया. इस संस्थान ने सदैव पत्रकारिता के मूल्यों का पालन किया.
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