बर्ड फ्लू का खतरा : रांची में चिकेन न पालने की सलाह दे रहे एक्सपर्ट, 2196 पक्षियों को मारा गया
बर्ड फ्लू ने फिर रांची में दस्तक दे दी है. विशेषज्ञों ने किसानों को मुर्गीपालन न करने की सलाह दी है. दुकानदारों से कहा है कि वे बाहर से मुर्गियां न मंगवाएं.
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Bird Flu in Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पूरे राज्य में इसके फैलने का खतरा बढ़ गया है. पशुपालन निदेशालय ने इससे निबटने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया है. वहीं, रांची में 2,196 से अधिक मुर्गियों-बत्तखों को मारा गया है. एक्सपर्ट्स ने किसानों को सलाह दी है कि अभी वे मुर्गीपालन करना बंद कर दें.
बर्ड फ्लू की हो चुकी है पुष्टि, रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार
पशुपालन निदेशालय ने रांची के होटवार स्थित पोल्ट्री एरिया में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि की है. इसके साथ ही कहा है कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है. आरआरटी टीम का गठन किया गया है. इसके साथ ही पक्षियों को मारने और उनके निष्पादन की भी व्यवस्था शुरू कर दी गई है. होटवार स्थित पोल्ट्री एरिया के एक किलोमीटर के दायरे में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि बर्ड फ्लू न फैले.
पोल्ट्री फार्म में मौजूद सभी पक्षियों और अंडों को नष्ट करने का निर्देश
रीजनल पोल्ट्री फार्म के सहायक मैनेजर डॉ गणेश राम महली ने गुरुवार (25 अप्रैल) को कहा- हमें निर्देश मिला है कि पोल्ट्री फार्म में मौजूद सभी पक्षियों और अंडों को नष्ट कर दिया जाए. साथ ही फार्म के एक किलोमीटर के दायरे में जितनी भी मुर्गियां या बत्तख हैं, उन्हें खत्म कर दिया जाए. इसके लिए बाकायदा एक टीम का गठन किया गया है.
बर्ड फ्लू के बारे में लोगों को किया जाएगा जागरूक
डॉ गणेश राम महली ने कहा कि बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के साथ ही हमें लोगों को इस बात की जानकारी भी देनी है और उन्हें जागरूक भी करना है कि वे चिकेन का सेवन न करें. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो बर्ड फ्लू के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. डॉ महली ने यह भी बताया कि 24 अप्रैल तक 2,196 से अधिक पक्षियों और अंडों को नष्ट किया जा चुका है. इसमें 510 कड़कनाथ मुर्गा शामिल हैं. RIR प्रजाति के 1,103 मुर्गों को मारा गया, जबकि डब्ल्यूएलएच1 मुर्गों की संख्या 583 है. बत्तख के 1,697 अंडों को भी नष्ट किया गया है.
होटवार स्थित पोल्ट्री फार्म को किया जाएगा सैनिटाइज
डॉ महली ने यह भी कहा है कि पूरे फार्म को सैनिटाइज किया जा रहा है. अगले तीन महीने तक फार्म में पक्षियों को रांची लाने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि सैंपल कलेक्ट करके उसे कोलकाता भेजा गया था. 20 अप्रैल को मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. इसके बाद ही झारखंड सरकार और केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है.
किसानों को चिकेन पालन बंद करने, दुकानदारों को न बेचने की सलाह
रीजनल पोल्ट्री फार्म के मीट टेक्नोलॉजिस्ट डॉ संतोष कुमार ने कहा है कि हम संक्रमित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद तमाम पक्षियों और अंडों को नष्ट कर रहे हैं. हम किसानों और दुकानदारों से आग्रह करेंगे कि जब तक हमें निगेटिव रिपोर्ट नहीं मिल जाती, तब तक वे भी बाहर से कोई पोल्ट्री न लाएं. किसानों से आग्रह करेंगे कि वे तब तक के लिए मुर्गियों का पालन बंद कर दें.
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