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बीरेंद्र राम के खिलाफ निगरानी जांच के प्रस्ताव पर महाधिवक्ता ने दी सहमति, अब दायर किया जाएगा आरोप पत्र

जमशेदपुर निगरानी थाने में ग्रामीण विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा के खिलाफ घूस मांगने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

महाधिवक्ता ने ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के खिलाफ निगरानी जांच के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है. इससे अब जमशेदपुर निगरानी थाना में दर्ज प्राथमिकी (13/2019) में बीरेंद्र का नाम जोड़ कर मामले की जांच की जायेगी और पूरक आरोप पत्र दायर किया जायेगा. महाधिवक्ता की सहमति के बाद फिलहाल यह मामला सरकार के स्तर पर विचाराधीन है.

जमशेदपुर निगरानी थाने में ग्रामीण विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा के खिलाफ घूस मांगने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. निगरानी ने जूनियर इंजीनियर के 10 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार करने के बाद उसके घर पर छापा मारा था. इस छापेमारी में नकदी मिलने की सूचना पर आयकर अधिकारी भी वहां जांच के लिए पहुंचे थे.

लेकिन पुलिस ने आयकर अधिकारियों के जूनियर इंजीनियर के घर के अंदर जाने से रोक दिया. हालांकि, निगरानी को घूसखोरी के इस मामले की जांच के दौरान जूनियर इंजीनियर के घर से मिले 2.44 रुपयों का संबंध बीरेंद्र राम से होने की जानकारी मिली थी. इसके मद्देनजर निगरानी ने राज्य सरकार से मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के खिलाफ पीइ दर्ज करने की अनुमति मांगी.

निगरानी की मांग से जुड़ी यह फाइल काफी दिनों तक इधर-उधर घूमती रही. प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2020 में निगरानी थाने में दर्ज इस मामले को मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए इसीआइआर के रूप में दर्ज किया. इडी ने मामले की जांच के दौरान यह पाया कि जूनियर इंजीनियर के घर के जिस कमरे से रुपये जब्त किये गये थे, उस कमरे को बीरेंद्र राम के रिश्तेदार आलोक रंजन ने किराये पर लिया था.

इसकी जानकारी मिलने के बाद इडी ने बीरेंद्र राम का फोन सर्विलांस पर डाला. फोन रिकार्डिंग से इडी को इस बात की जानकारी मिली कि बीरेंद्र राम इस मामले में पैसों की ताकत पर खुद को बचा रहा है.

21 फरवरी 2023 में बीरेंद्र राम के ठिकानों पर इडी ने मारा छापा : इडी ने बीरेंद्र राम प्रकरण में प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद बीरेंद्र राम के ठिकानों पर 21 फरवरी 2023 को छापा मारा. इडी की इस कार्रवाई के बाद बीरेंद्र राम के खिलाफ पीइ दर्ज करने की मांग से संबंधित फाइल के मूवमेंट में तेजी आयी.

इस दौरान उसके खिलाफ पीइ दर्ज करने के बाद जमशेदपुर निगरानी में दर्ज प्राथमिकी संख्या 13/2019 में ही बीरेंद्र राम का नाम जोड़ कर जांच करने और आरोप पत्र दायर करने का प्रस्ताव तैयार कर सरकार के स्तर पर फैसले के लिए भेजा गया.

विचार करने के बाद सरकार ने इस मामले में महाधिवक्ता की राय लेने का निर्देश दिया. इस निर्देश के आलोक में संबंधित फाइल महाधिवक्ता के पास भेजी गयी. उन्होंने विचार के बाद जमशेदपुर निगरानी में दर्ज मामले में ही बीरेंद्र राम का नाम जोड़ कर जांच करने और आरोप पत्र समर्पित करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है.

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