बीरेंद्र राम के परिवार के सदस्यों ने काली कमाई को वैध बताने के लिए बेची सब्जियां, बेटों ने पढ़ाया ट्यूशन

रांची के सीए प्रदीप कुमार जैन द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न में किया गया है. हालांकि ईडी से पूछताछ के दौरान बीरेंद्र राम ने यह माना कि उनके पारिवारिक सदस्यों ने कभी सब्जी नहीं बेची.

By Prabhat Khabar News Desk | April 21, 2023 6:05 AM

शकील अख्तर, रांची:

ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों ने गाजर, मूली और सब्जी बेची. वहीं, उसके तीनों बेटों ने कंप्यूटर जॉब किया और ट्यूशन पढ़ाया. बीरेंद्र राम ने दावा किया था कि उसके परिवार ने करोड़ों रुपये की कमाई इन्हीं सब से की. बीरेंद्र राम और उनके बेटों के नाम पर दायर आयकर रिटर्न से यह जानकारी मिली है.

हालांकि इस तिकड़म के बाद भी सभी करदाताओं के बैंक खातों में रिटर्न में दिखायी गयी आमदनी से ज्यादा नकद राशि जमा हुई थी. इसका उल्लेख रांची के सीए प्रदीप कुमार जैन द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न में किया गया है. हालांकि इडी से पूछताछ के दौरान बीरेंद्र राम ने यह माना कि उनके पारिवारिक सदस्यों ने कभी सब्जी नहीं बेची. बेटों ने कभी कंप्यूटर जॉब नहीं किया और न ही ट्यूशन पढ़ाया. सारी रकम टेंडर के कमीशन की थी.

बीरेंद्र राम ने अपनी काली कमाई को जायज करार देने के लिए कई हथकंडे अपनाये थे. इसमें एक हथकंडा यह भी था कि उसने टेंडर आवंटन के बदले कमीशन के तौर पर मिली राशि को अपने परिवार और बेटों की आमदनी के रूप में दिखाना शुरू किया. इसके लिए सीए के सहयोग से बेटों और खुद हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) का कर्ता बन कर आयकर रिटर्न दाखिल करना शुरू किया.

इस आमदनी के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना पड़े, इसलिए आयकर अधिनियम की धारा-44एडी का सहारा लिया. बीरेंद्र राम ने दिखाने का प्रयास किया कि उसके बेटों ने तो स्कूल, कॉलेज के दिनों से ही कंप्यूटर जॉब के सहारे और ट्यूशन पढ़ा कर कमाना शुरू कर दिया. बीरेंद्र राम (एचयूएफ) ने गाजर, मूली, सब्जी के ब्रोकरेज से आमदनी दिखाते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करना शुरू किया. आयकर रिटर्न की जांच में यह पाया गया कि इन लोगों के बैंक खाते में रिटर्न में दिखायी गयी कुल आमदनी से कहीं ज्यादा नकद राशि जमा हुई थी.

बीरेंद्र राम ने फर्जी जानकारी देकर बताने का प्रयास किया कि उसके बेटे अंकुर ने वर्ष 2014-15 से ही ट्यूशन पढ़ा कर कमाना और रिटर्न दाखिल करना शुरू कर दिया. 2014-15 में उसने ट्यूशन पढ़ा कर 2.83 लाख रुपये कमाये थे. कंप्यूटर जॉब और ट्यूशन से उसकी आमदनी लगातार बढ़ती गयी. 2017-18 में उसने 3.48 लाख रुपये की आमदनी का रिटर्न दाखिल किया. लेकिन उसके एक्सिस बैंक के खाते में उस साल नकद 7.7 लाख रुपये जमा हुए. यही स्थित बीरेंद्र के बाकी दोनों बेटों की है.

आर्यन ने भी 2014-15 से ही कमाना शुरू कर दिया था. 2014-15 में उसने भी ट्यूशन पढ़ा कर अपने भाई अंकुर के बराबर ही यानी 2.83 लाख रुपये कमाये थे. आर्यन ने 2018-19 में ट्यूशन पढ़ा कर 3.48 लाख रुपये कमाये, लेकिन उसके एक्सिस बैंक के खाते में 7.13 लाख रुपये नकद जमा हुए, जो उसकी आमदनी से दो गुना था. बीरेंद्र के बेटे आयुष ने थोड़ी देर से यानी 2016-17 से ट्यूशन पढ़ा कर कमाना शुरू किया. आयुष ने तो 2021-22 में गाजर, मूली और सब्जी बेची. इससे उसे पांच लाख रुपये की आमदनी हुई. लेकिन उसके आइसीआइसीआइ के बैंक खाते में 18.49 लाख रुपये नकद जमा हुए.

बीरेंद्र राम मामले में आरोप पत्र आज

ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के खिलाफ इडी 21 अप्रैल को आरोप पत्र दायर करेगा. इडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में 21 फरवरी को छापा मारा था. जांच के बाद इडी ने बीरेंद्र राम और उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम खरीदी गयी संपत्ति को अस्थायी तौर पर जब्त कर लिया है. जब्त संपत्ति का वर्तमान मूल्य 39.28 करोड़ रुपये है.

कमीशन को पारिवारिक सदस्यों की आमदनी बताने का नमूना

कर दाता वर्ष नकद आयकर रिटर्न आमदनी का स्रोत

अंकुर 2017-18 7.77 3.48 कंप्यूटर जॉब व ट्यूशन

अंकुर 2020-21 9.37 4.99 कंप्यूटर जॉब व ट्यूशन

आर्यन 2014-15 3.50 2.38 कंप्यूटर जॉब व ट्यूशन

आर्यन 2018-19 7.13 3.48 कंप्यूटर जॉब व ट्यूशन

आयुष 2018-19 6.38 2.98 कंप्यूटर जॉब व ट्यूशन

आयुष 2021-22 18.49 5.00 सब्जी आदि के ब्रोकरेज में कमीशन

बीरेंद्र राम (एचयूएफ) 2018-19 0.90 3.50 सब्जी के ब्रोकरेज में कमीशन

बीरेद्र राम (एचयूएफ) 2021-22 5.16 3.66 सब्जी के ब्रोकरेज में कमीशन

Next Article

Exit mobile version