Birmingham Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की बेटियों ने इतिहास रच दिया. मंगलवार को लॉन बॉल में महिला टीम (फोर्स) ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हरा कर गोल्ड जीता. कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब भारतीय लॉन बॉल्स महिला टीम ने कोई मेडल जीता है. भारतीय टीम में झारखंड की दो खिलाड़ी रूपा रानी तिर्की और लवली चौबे शामिल हैं. लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल है, जबकि रूपा रानी तिर्की रामगढ़ में जिला खेल पदाधिकारी (डीएसओ) के पद पर कार्यरत है. इस अवसर पर प्रभात खबर ने वॉट्सएप्प कॉल पर झारखंड की दोनों खिलाड़ियों से कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके सफर, उनके अनुभव पर विशेष बातचीत की.
हमारे लिए कॉमनवेल्थ गेम्स ही ओलिंपिक है : लवली
पुलिस विभाग में कार्यरत झारखंड की लॉन बॉल खिलाड़ी लवली चौबे ने कहा कि पिछले दो कॉमनवेल्थ गेम्स में हम एक-दो अंकों से पदक से चूक गये थे, लेकिन इस बार हमारा सपना पूरा हो गया. उन्होंने बताया कि ओलिंपिक में अब तक लॉन बॉल को शामिल नहीं किया गया है. हमारे लिए तो कॉमनवेल्थ गेम्स ही ओलिंपिक है. झारखंड में इस खेल को लेकर और क्या सुविधाएं होनी चाहिए? इसके जवाब में लवली ने कहा कि झारखंड में ग्रास (घासों वाली) ग्राउंड नहीं है. इसलिए हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने में थोड़ी परेशानी होती है. साथ ही ज्यादा-से-ज्यादा कैंप लगाने की भी आवश्यकता है.
राष्ट्रगान गाने का रोमांच शब्दों में बयां नहीं कर सकती : रूपा रानी तिर्की
रामगढ़ में जिला खेल पदाधिकारी (डीएसओ) रांची की रूपा रानी तिर्की ने बताया कि हमारी 15 साल की मेहनत रंग लायी है. गेम्स में फाइनल तक का सफर शानदार रहा. खास कर जब हमने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया, तब खुशी से हमारी आंखों से आंसू निकल पड़े. फाइनल में जब हमने दक्षिण अफ्रीका पर जीत दर्ज की और गोल्ड जीते, तब लगा हमलोगों का सपना सच हुआ. पोडियम पर खड़े होकर राष्ट्रगान गाने का रोमांच हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते. रूपा रानी ने झारखंड में इस खेल को बढ़ावा देने की बात कही.
Posted By: Samir Ranjan.