रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय एग्रोटेक किसान मेला रविवार को संपन्न हो गया. समारोह के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि स्थानीय किसान दुनिया के अन्य देशों से अधिक मेहनती हैं. हमारे किसान ज्यादा श्रम करते हैं और अधिक पसीना बहाते हैं, लेकिन उन्हें अपनी कृषि लागत का उचित मूल्य अब भी नहीं मिल पाता है. किसान खेती से विमुख हो रहे हैं. ऐसे में किसानों को अधिक सम्मान देने, कृषि विज्ञान से जोड़ने और उनकी खेती-किसानी की बाधाओं और समस्यायों के त्वरित समाधान की आवश्यकता है. उन्होंने किसानों को फसल बर्बादी का तुरंत मुआवजा देने और फसलों का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की जरूरत बतायी. झारखंड सरकार किसानों के हित में अनेक योजनाओं को कार्यान्वित कर रही है. सरकार ने फसल बर्बादी राहत योजना, कृषि ऋण की माफ़ी, आशीर्वाद योजना, बीमा योजना और मुख्य मंत्री पशुधन योजना आदि कार्यक्रमों से किसानों का कल्याण करने का प्रयास कर रही है.
मिलेट्स को बढ़ावा सराहनीय कदम
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा मोटे अनाजों की खेती और आहार में बड़े पैमाने पर इनका उपयोग किया जाता था. ख़ुशी की बात है कि आजादी के अमृत वर्ष में मोटे अनाजों को फिर बढ़ावा देने का प्रयास हो रहा है. मिलेट्स के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार और वैश्विक बाजार स्थापित करने की जरूरत है. इससे स्थानीय किसानों को बढ़िया लाभ का अवसर मिलेगा. बीएयू वैज्ञानिक झारखंड के किसानों के उत्थान की दिशा में बढ़िया कार्य कर रहे हैं. मौके पर उन्होंने किसानोपयोगी हिंदी पत्रिका पठारी कृषि का विमोचन किया और उत्कृष्ट कृषि कार्यों के लिए किसानों में वीरेंद्र उरांव (टपक सिंचाई), ललन शर्मा (फल), राजेश बड़ाईक (बंजर भूमि) और शंभू जी (नर्सरी) को सम्मानित किया.
उद्यान प्रदर्शनी रही आकर्षण
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि मेला में करीब डेढ़ सौ पंडाल लगाये गये. मुख्य थीम पंडाल में केन्द्रीय विषय ‘ कृषि आधुनिकीकरण से आय में वृद्धि’ पर आधारित अवयवों से किसानों को अवगत कराया गया. 14 विषयों के सब थीम पंडाल में पोषक अनाज एवं उनके मूल्य वर्धक उत्पाद, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, फसल उत्पादन एवं विविधिकरण, समेकित कृषि प्रणाली फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी, पौधा संरक्षण, फसलोत्तर प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण एवं उर्जा प्रबंधन, प्रक्षेत्र उपकरण एवं मशीनरी के फार्म, कृषि सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि उच्च शिक्षा, औषधिय एवं सगंधित फसलें, वनोत्पाद एवं पशु चिकित्सा एवं पशुपालन प्रदर्श को प्रदर्शित किया गया. अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष पर मिलेट की उन्नत प्रौद्योगिकी और 40 से अधिक मूल्यवर्धित उत्पादों को प्रदर्शित कराया गया. मेला में उद्यान प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा.
देश का अग्रिम कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में हो पहल
विशिष्ट अतिथि कांके विधायक समरीलाल ने राज्य के किसानों और कृषि हित में बीएयू को देश का अग्रिम कृषि विश्वविद्यालय की दिशा में पहल करने की जरूरत बताई. उन्होंने बीएयू के किसान हित के कार्यों और वैज्ञानिकों को किसानों की सेवा में सदा तत्पर रहने की सराहना की. धन्यवाद ज्ञापन में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने बताया कि किसानों की भागीदारी सुनिश्चित कराने में जिलों के केवीके, आत्मा, कृषि एवं स्वयंसेवी संस्थानों की प्रमुख भूमिका रही. मेला का कांके एवं इसके आस-पास के करीब सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हजारों की संख्या में शिक्षकों संग अवलोकन किया.