बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) पिछले एक साल से स्थायी कुलपति के बिना चल रहा है. 2019 में आठ जुलाई को स्थायी कुलपति डॉ पी कौशल के इस्तीफा देने के बाद से कुलपति का पद प्रभार में चल रहा है. नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर राज्यपाल द्वारा हाइकोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता में सर्च कमेटी का गठन किया गया था.
कमेटी ने योग्य उम्मीदवारों से 20 जनवरी 2020 तक आवेदन आमंत्रित किया था. आवेदनों की स्क्रूटनी आदि की प्रक्रिया शुरू होते-होते कोरोना के कारण लॉकडाउन हो गया. इस करण प्रक्रिया स्थगित हो गयी.
दूसरी ओर, राज्य के चार सामान्य विवि के लिए वीसी व प्रोवीसी की नियुक्ति प्रक्रिया बाद में शुरू हुई, लेकिन समय रहते नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गयी. बीएयू में डॉ कौशल के हटने के बाद अनुबंध पर नियुक्त डॉ आरएस कुरील को राज्यपाल ने छह माह के लिए कुलपति का प्रभार दिया था. उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद कुलपति का प्रभार कृषि सचिव पूजा सिंघल को दिया गया.
श्रीमती सिंघल एक दिन भी विवि नहीं गयीं. बाद में उनका स्थानांतरण होने के बाद कुलपति का प्रभार नये कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिकी को दिया गया है. वे अब तक एक या दो बार विवि कैंपस गये हैं.
विवि में कुलपति के अलावा डीन, एसोसिएट डीन, डायरेक्टर्स, कुलसचिव, एसोसिएट डायरेक्टर्स आदि पद प्रभार के भरोसे हैं. इस वजह से प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां केंद्रीयकृत हैं. इससे ये सभी शक्तियां कुलपति में निहित हैं. इस वजह से नीतिगत निर्णय में देरी होने व कोरोना के कारण शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियां प्रभावित हो गयीं.
इस वर्ष प्रदेश के किसानों के लिए एग्रोटेक किसान मेला-2020 का आयोजन नहीं हुआ. पहली बार किसानों के लिए कृषि तकनीकी युक्त उपयोगी बिरसा किसान डायरी का प्रकाशन नहीं हो सका. बीएयू वार्षिक प्रतिवेदन का भी प्रकाशन नहीं हो सका. केवीके, बीज प्रक्षेत्र निदेशालय तथा कृषि एवं किसान सेवा से जुड़ीं दर्जनों गतिविधियां नहीं हो सकीं.
posted by : sameer oraon