रांची : बिरसा कृषि विवि अंतर्गत एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के छात्र रूपेश कुमार ओझा की शनिवार शाम सात बजे हार्ट अटैक से मौत हो गयी. वह एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के सातवें सेमेस्टर का छात्र था और कमड़े का रहनेवाला था. बताया जाता है कि रूपेश को हाॅस्टल संख्या चार में शाम करीब सात बजे हार्ट अटैक आया. इसकी सूचना छात्रों ने वार्डेन नीरज कुमार, एसोसिएट डीन डीके रुसिया व डीन एग्रीकल्चर डाॅ डीके शाही को दी.
छात्रों के अनुसार, रूपेश की चिकित्सीय सहायता के लिए बिरसा कृषि विवि प्रशासन से अविलंब एंबुलेंस की मांग की गयी, लेकिन 45 मिनट तक विवि प्रशासन ने एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की. इसके बाद एक चारपहिया वाहन हाॅस्टल भेजा गया. वाहन से अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. रिम्स में चिकित्सकों ने रूपेश को मृत घोषित कर दिया.
चिकित्सकों के अनुसार, समय पर छात्र को अस्पताल पहुंचाया जाता, तो उसकी जान बच सकती थी. इधर, इस घटना के बाद गुस्साये छात्रों ने रात 1:30 बजे कुलपति आवास को घेर लिया और हंगामा किया. छात्रों ने कुलपति आवास के गेट को भी नुकसान पहुंचाया. वहीं कुछ छात्र कुलपति के अहाते में घुस गये और सरकारी वाहन को क्षति पहुंचाने के बाद कार का शीशा तोड़ दिया.
देर रात हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस कुलपति आवास पहुंची और छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे. बाद में एसएसपी के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया. काफी समझाने के बाद छात्र शांत हुए. छात्रों का कहना था विवि प्रशासन की लापरवाही से रूपेश की जान गयी है. छात्र के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.
छात्रों द्वारा की गयी तोड़फोड़ के मामले में अनुशासन समिति की सोमवार को बैठक बुलायी गयी है. इसमें सात विद्यार्थियों को तलब किया गया है. इनमें रंजन यादव, हर्ष पांडेय, रिशु राज, अभिनव सिंह, अंकित कुमार, सुप्रिया कुमारी तथा विजेता राणा शामिल हैं.
तोड़फोड़ करना उचित नहीं : डीन
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के छात्र रूपेश की मौत पर एग्रीकल्चर डीन डॉ डीके शाही ने कहा है कि छात्र रूपेश की मौत डॉक्टरों के मुताबिक हार्टफेल होने से हुई है. समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने की बात गलत है. तीन से चार मिनट के अंदर एंबुलेंस उपलब्ध करा दी गयी थी. इसे लेकर छात्रों द्वारा कुलपति आवास में तोड़फोड़ करना उचित नहीं है.