Ranchi News : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आईसीएआर के सहयोग से चल रही बकरी संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत पूर्वी सिंहभूम जिला के बाराबंकी में एन्टेरोटोक्सीमिया रोग से बचाव के लिए 454 बकरियों का टीकाकरण किया. इस दौरान किसान गोष्ठी में बकरीपालकों को आधुनिक बकरी पालन की तकनीकी जानकारी दी गई.
पूरे देश में बकरी पालन में विकास दर पर झारखंड का दूसरा स्थान
बकरी क्षेत्र में विकास दर के मामले में देश में झारखंड पश्चिम बंगाल के बाद दूसरा राज्य है. यहां पिछले 5 वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में लगभग 39% का विकास रहा. झारखंड में इस काम में ज्यादातर महिलाएं जुड़ी हैं, जिन्हें इस सेक्टर के विकास से आर्थिक रूप से ज्यादा सशक्त बनाया जा सकता है. यह जानकारी परियोजना की प्रधान शोधकर्ता डॉ नन्दनी कुमारी ने दी.
पशु उत्पादन विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को दी बकरी पालन के टिप्स
पशु उत्पादन और प्रबंधन विशेषज्ञ और परियोजना के सह प्रधान शोधकर्ता डॉ शैलेंद्र रजक ने किसान गोष्ठी और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जिसमें 44 किसानों ने भाग लिया. उन्होंने बकरी पालकों को टीकाकरण के लाभ और एंटेरोटॉक्सेमिया के प्रकोप के बारे में जानकारी दी. वहीं पशु स्त्रैणिकी विशेषज्ञ डॉ दिलीप कुमार ने गर्भवती बकरियों की देखभाल तथा प्रसव संबंधी जानकारी दी. बता दें झारखंड में बड़ी संख्या में ग्रामीण बकरी पालन करते हैं.