चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य के 13 में से 11 जिलों में एक भी बिरसा आवास नहीं बना. बिरसा आवास अत्यंत गरीबों और आदिम जनजाति परिवारों के लिए बनाये जाते हैं. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 1442 बिरसा आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके मुकाबले सिर्फ 15 आवास ही बनाये जा सके हैं. इसमें से 10 आवास सिमडेगा में और पांच जामताड़ा में बने हैं.
पिछले तीन वित्तीय वर्ष (2020-23) के दौरान निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 31.8 प्रतिशत आवासों का निर्माण हो पाया है. जबकि निर्धारित समय में योजना को पूरा करने के लिए पंचायत सेवक, स्वंय सहायता समूहों को प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर प्रोत्साहन के रूप में प्रति आवास 500 रुपये देने का प्रावधान है. एक बिरसा आवास की लागत 1.31 लाख रुपये निर्धारित है.
राज्य सरकार ने तीन वित्तीय वर्ष (2020-21, 2021-22 और 2022-23) के दौरान कुल 4720 बिरसा आवास योजना बनाने का लक्ष्य तय किया था. हालांकि, सिर्फ 1501 का निर्माण ही पूरा हो सका है. इन तीन वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य के 16 जिलों को कुल 62.36 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसमें से अब तक 34.82 रुपये खर्च हुए हैं. यानी जिलों में उपलब्ध राशि में 55.84 प्रतिशत खर्च हो चुकी है, जबकि भौतिक उपलब्धि सिर्फ 31.80 प्रतिशत ही है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 220-21 में राज्य के 14 जिलों में कुल 1714 बिरसा आवास बनाने के लक्ष्य के मुकाबले 903 आवास ही बने थे. 2021-22 में 1564 आवास के लक्ष्य के मुकाबले 583 आवास बनाने का काम पूरा हुआ. चालू वित्तीय वर्ष में सिर्फ 15 आवास ही बने हैं. चालू वित्तीय वर्ष में जिन 11 जिलों में बिरसा आवास नहीं बना. 2020-21 में तीन जिलों में और 2021-22 में तीन जिलों में एक भी आवास नहीं बना था.
जिला स्वीकृत पूर्ण
गुमला 570 290
साहिबगंज 932 285
पाकुड़ 610 330
लातेहार 250 139
लोहरदगा 256 98
दुमका 639 125
पू सिंहभूम 316 59
गढ़वा 240 68
जिला स्वीकृत पूर्ण
सरायकेला 99 42
जामताड़ा 240 24
रांची 91 07
पलामू 115 14
गोड्डा 210 00
प सिंहभूम 26 06
खूंटी 06 00
सिमडेगा 16 10