बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी, टर्मिनल बिल्डिंग में रेस्टोरेंट नहीं, शौचालय भी गंदा
यात्रियों का यह भी कहना है कि एयरपोर्ट पर पार्किंग शुल्क देने में काफी समय लगता है. इसे दुरुस्त करने के लिए तीन लेन बनाने की जरूरत है. पहला फ्री लेन हो. इस लेन से सिर्फ यात्रियों को छोड़ने आनेवाले वाहनों की निकासी हो
रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. इस कारण यात्रियों को आये दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. यात्रियों ने कई बार एयरपोर्ट प्रबंधन से इसकी शिकायत की है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. यात्रियों ने बताया कि टर्मिनल बिल्डिंग के बाहर सिर्फ एक शौचालय है. वह भी नियमित सफाई नहीं होने से गंदा रहता है. इस कारण लोग इसका इसका इस्तेमाल करने से बचते हैं. यात्रियों ने सुझाव दिया है कि एयरपोर्ट के बाहर दो शौचालय बनाये जायें. एक का इस्तेमाल यात्रियों के परिजन, बुजुर्ग, बच्चे कर सकें. ड्राइवर और अन्य लोगों के लिए अलग-अलग शौचालय बने. वहीं, टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर रेस्टोरेंट नहीं रहने से यात्रियों को खाने-पीने में भी परेशानी होती है. टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर सिर्फ कॉफी हाउस है, जहां सिर्फ स्नैक्स मिलता है. एराइवल में भी कोई कॉफी हाउस नहीं है.
इधर, यात्रियों का यह भी कहना है कि एयरपोर्ट पर पार्किंग शुल्क देने में काफी समय लगता है. इसे दुरुस्त करने के लिए तीन लेन बनाने की जरूरत है. पहला फ्री लेन हो. इस लेन से सिर्फ यात्रियों को छोड़ने आनेवाले वाहनों की निकासी हो. दूसरा लेन फास्ट टैग लगे वाहनों के लिए हो, ताकि पार्किंग फीस अपने आप कट जाये और तीसरा लेन वैसे वाहनों के लिए हो, जिनके पास फास्टटैग नहीं है. उनसे मैनुअली पार्किंग फीस ली जाये. इसके अलावा टैक्सी चालकों को एक निश्चित जगह दी जाये. वर्तमान में टैक्सी चालक एराइवल पर ही यात्रियों को घेर लेते हैं. इससे महिलाओं व अन्य यात्रियों को परेशानी होती है. एयरपोर्ट के आगमन द्वार के पास लोगों के बैठने के लिए अतिरिक्त कुर्सियां लगायी जाये. वर्तमान में कुर्सियों की संख्या कम है. इससे बुजुर्ग महिला-पुरुष व दिव्यांग लोगों को परेशानी होती है.
एयरोब्रिज की संख्या बढ़ायी जाये
एयरपोर्ट में विमानों की संख्या बढ़ने के कारण सिक्योरिटी होल्ड एरिया में यात्रियों को आये दिन बैठने की जगह नहीं मिलती है. अगर एक-दो विमान विलंब हो जाये, तो परेशानी और बढ़ जाती है. यात्री खड़े होकर ही विमान का इंतजार करते रहते हैं. एयरपोर्ट में व्हीलचेयर की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है. वहीं, एयरपोर्ट में एयरोब्रिज की संख्या कम होने से यात्रियों को बारिश व धूप में परेशानी होती है. इसके अलावा एयरपोर्ट में उच्च तकनीक की लगेज स्कैनिंग मशीन लगायी जाये. ताकि यात्रियों को लगेज की स्कैनिंग कराने में कम समय लगे. वहीं, एयरपोर्ट में दूध की भी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर नवजात या छोटे बच्चे को आसानी से मिल सके.