Jharkhand News: रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज के मामले में पीएमएलए कोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका वापस ले ली है. हाइकोर्ट में दायर इस याचिका पर 28 जून को सुनवाई की तिथि तय थी. अब जेल प्रशासन पीएमएलए कोर्ट के निर्देश के आलोक में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सीसीटीवी फुटेज देने के लिए बाध्य है.
ईडी ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी
बता दें कि ईडी ने बिरसा मुंडा जेल प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी. पीएमएलए कोर्ट में सीसीटीवी के मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने ईडी की मांग का विरोध किया था. जेल प्रशासन की ओर से तर्क दिया गया था कि सीसीटीवी फुटेज का संबंध जेल की सुरक्षा और कैदियों की निजता से है. इसलिए सीसीटीवी फुटेज ईडी को नहीं दिया जा सकता है. यह भी कहा गया कि ईडी द्वारा मांगा गया फुटेज मिट गया होगा. जेल प्रशासन ईडी द्वारा मांगे गये सीसीटीवी फुटेज का डाटा रिकवर करने की कोशिश कर रहा है.
पीएमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पीएमएल में निहित प्रावधानों का हवाला देते हुए यह कहा गया कि जांच अधिकारी को मनी लॉउंड्रिंग के अभियुक्तों पर नजर रखने का कानूनी अधिकार है, चाहे वह जेल में हों या कहीं और. मामले की सुनवाई के बाद पीएमएलए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गैरकानूनी काम को निजता के अधिकार के कानून से छिपाया नहीं जा सकता है. जेल प्रशासन ईडी को सीटीवी फुटेज सौंपे. पीएमएलए कोर्ट के इस आदेश के आलोक में सीसीटीवी फुटेज देने के बदले जेल प्रशासन ने पीएमएलए कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
जेल प्रशासन ने मांग के अनुरूप नहीं दिया सीसीटीवी फुटेज
जेल प्रशासन ने पीएमएलए कोर्ट के आदेश के आलोक में 27 जून को सीसीटीवी फुटेज पीएमएलए कोर्ट में जमा किया. हालांकि, इडी ने इसे अपने मांग के अनुरूप नहीं बताते हुए जेल अधीक्षक व जेलर को समन भेजा है. दोनों को 30 जून को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया गया है.