2013-16 के बीच बने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों का डाटा रांची नगर निगम से गायब

अगर आप इन प्रमाण पत्रों की डुप्लीकेट कॉपी या इसमें किसी तरह के सुधार के लिए नगर निगम जाते हैं, तो वहां तैनात कर्मियों का एक ही जवाब होता है कि इन तीन वर्षों में बने प्रमाण पत्र का डाटा उनके पास नहीं है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2023 8:05 AM

रांची. वर्ष 2013 से 2016 के बीच अगर आपने रांची नगर निगम से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया है, तो वह कागज का एक टुकड़ा भर है. अगर आप इन प्रमाण पत्रों की डुप्लीकेट कॉपी या इसमें किसी तरह के सुधार के लिए नगर निगम जाते हैं, तो वहां तैनात कर्मियों का एक ही जवाब होता है कि इन तीन वर्षों में बने प्रमाण पत्र का डाटा उनके पास नहीं है. इस कारण ऐसे प्रमाण पत्रों को हम न सत्यापित कर सकते हैं और न ही इसका डुप्लीकेट दे सकते हैं. ऐसे लोगों को निगमकर्मी नये सिरे से प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह दे रहे हैं.

यह है पूरा मामला

वर्ष 2013 में रांची नगर निगम में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम प्रज्ञा केंद्र से शुरू हुआ. उस समय प्रज्ञा केंद्रों का संचालन जैप आइटी द्वारा किया जा रहा था. वर्ष 2016 तक इन प्रमाण पत्रों को बनाने का काम प्रज्ञा केंद्र से ही किया गया. वर्ष 2017 से जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम केंद्र सरकार के सीआरएस पोर्टल से शुरू हुआ. यहां नगर निगम से एक चूक यह हुई कि निगम ने जैप आइटी से इन तीन वर्षों में जारी किये गये प्रमाण पत्रों का डाटा लेकर नये पोर्टल पर अपलोड नहीं किया. इस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई.

तीन वर्षों में लगभग 1.09 लाख प्रमाण पत्र जारी किये गये

आमतौर पर एक दिन में रांची नगर निगम में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लगभग 100 आवेदन जमा होते हैं. इस प्रकार से एक साल में आवेदनों की संख्या 36500 के आसपास होती है. वहीं, तीन वर्षों में आवेदनों की यह संख्या 1.09 लाख के आसपास होगी. यानी रांची जिले में इन तीन वर्षों में लगभग 1.09 लाख लोगों का जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र रांची नगर निगम की ओर से जारी किया गया है. अब इन प्रमाण पत्रों का रिकॉर्ड निगम के पास नहीं है.

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जैप आइटी से चार बार मांगा गया डाटा, नहीं मिला

तीन वर्षों के दौरान जारी किये गये इन प्रमाण पत्रों का डाटा नगर निगम ने चार बार जैप आइटी से मांगा. निगम के रजिस्ट्रार की ओर से बताया कि रिकॉर्ड नहीं रहने के कारण निगम को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में डाटा निगम को उपलब्ध कराया जाये. लेकिन, जैप आइटी ने न तो निगम को डाटा उपलब्ध कराया और न ही निगम के पत्रों का कोई जवाब दिया.

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