झारखंड के इन जिलों में जन्म-मृत्यु का रजिस्ट्रेशन 50 फीसदी से कम, जानें क्या है इसकी वजह

झारखंड कई जिलों में जन्म और मृत्यु का निबंधन है, इसमें पलामू व बोकारो जिले प्रमुख है. जहां पर 50 फीसदी से कम निबंधन है. हालांकि, कई जिलों में शत-प्रतिशत निबंधन भी हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2022 9:32 AM

रांची: राज्य के कई जिलों में जन्म और मृत्यु का निबंधन कम हो रहा है. पलामू व बोकारो जिले में 50 फीसदी से भी कम निबंधन हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, एक साल में बोकारो जिले में जन्म का 25477 निबंधन हुआ है, जबकि 55244 लोगों के जन्म होने का अनुमान है. निबंधन सिर्फ 46 फीसदी का ही हुआ है. वहीं, मृत्यु का निबंधन भी सिर्फ 43 फीसदी का हुआ है. हालांकि, कई जिलों में शत-प्रतिशत निबंधन भी हुआ है.

जन्म व मृत्यु का शत-प्रतिशत निबंधन कराने के लिए अंतर विभागीय समन्वय समिति (आइडीसीसी) की बैठक मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें वित्त, आपदा एवं गृह, नगर, सूचना, योजना, कल्याण, पंचायती राज के सचिव, भारत सरकार के महारजिस्ट्रार, जनगणना निदेशक सदस्य होते हैं. इसमें जन्म और मृत्यु निबंधन बढ़ाने के लिए प्रयास करने पर सहमति बनी है. आइडीसीसी का गठन राज्य में 2006 में हुआ था. इसकी बैठक इससे पूर्व 2014 और 2020 में हुई थी.

सात-सात वार्ड पर एक उप निबंधक की नियुक्ति की अनुशंसा

शहरी इलाकों में आइडीसीसी ने सात-आठ वार्ड पर एक उप निबंधक की नियुक्ति या मनोनयन करने की अनुशंसा की है. साथ ही निजी अस्पतालों को उनके कार्य क्षेत्र के उप निबंधक से संबद्ध कराने की अनुशंसा की गयी. निजी अस्पताल जन्म-मृत्यु से संबंधित आवश्यक सूचना अधिकृत पोर्टल के माध्यम से संबंधित निबंधक या उप निबंधन को ऑनलाइन अग्रसारित कर सकेंगे.

केंद्रीय संस्थानों के अस्पतालों में निबंधन इकाई नहीं है. ऐसी इकाइयों की सूचना उपायुक्तों से प्राप्त कर निबंधन इकाई घोषित करने की कार्रवाई की जायेगी. अनुशंसा की गयी है कि जन्म-मृत्यु निबंधन को सामान्य जन के लिए सुलभ बनाने के लिए हरेक समाहरणालय और नगर निकाय कार्यालय में एक मॉडल जन्म-मृत्यु निबंधन केंद्र की स्थापना की जाये.

इससे संबंधित इनपुट प्राप्त करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी. रांची नगर निगम में सातों दिन जन्म-मृत्यु निबंधन की सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जायेगी. जन्म-मृत्यु निबंधन के प्रचार-प्रसार के लिए यूनिसेफ से सहयोग लेने की अनुशंसा भी आइडीसीसी ने की है.

Posted By: Sameer Oraon

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