मांडर : कोरोना से मृत वृद्ध का शव हेसमी स्थित ईसाई कब्रिस्तान में दफनाने के मामले को लेकर मसीही समाज की बैठक गुरुवार को मांडर चर्च परिसर में हुई. इसमें शामिल रांची के बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने स्थानीय मसीही समाज के विरोध व शंका का समाधान किया. उन्होंने बताया कि यह निर्णय काफी सोच-समझ कर लिया गया था. चूंकि कोरोना संक्रमित वृद्ध गुमला जिला के थे.
सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार इस तरह के शव को एक जिला से दूसरे जिला नहीं ले जाया जा सकता है. इसलिए प्रशासन द्वारा शव के दाह संस्कार की तैयारी की जा रही थी. चूंकि मृतक अपने समाज का था और जब उसके दाह संस्कार की तैयारी की जानकारी उन लोगों तक पहुंची, तो निर्णय हुआ कि अंतिम संस्कार ईसाई समाज की रीति रिवाज के अनुसार ही होना चाहिए.
बाद में इसी निर्णय के तहत उनके शव को प्रशासन के सहयोग से रांची लाकर हेसमी स्थित कब्रिस्तान में दफन संस्कार किया गया. बिशप के समझाने के बाद शुरू में मामले को लेकर विरोध करने वाले लोग भी शांत हुए. बैठक में पल्ली पुरोहित फादर देवनिश खेस, फादर जॉन शैलेंद्र टोप्पो, प्रेमचंद एक्का, जुएल तिग्गा, बॉबी तिग्गा, एलिस कुल्लू उपस्थित थे.
Post by: Pritish Sahay