झारखंड राज्य समन्वय समिति की बैठक पर BJP का प्रहार, कहा- जरूरी मुद्दों पर नहीं हुई बात
झारखंड सरकार के द्वारा गठित समन्वय समिति की आज पहली बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की गयी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस बैठक पर अपना प्रतिक्रिया दी है और बैठक को औपचारिकता करार दिया है.
झारखंड सरकार के द्वारा गठित समन्वय समिति की आज पहली बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की गयी. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस बैठक पर अपना प्रतिक्रिया दी है और बैठक को औपचारिकता करार दिया है. झारखंड के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने समन्वय समिति के बैठक पर कड़ा प्रहार किया है. बीजेपी ने कहा कि इस बैठक ने राज्य के सवा तीन करोड़ जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि बैठक केवल औपचारिकता मात्र बनकर रह गई. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के कई मुद्दों को इस बैठक में नहीं रखा गया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न, हत्या, जमीन घोटाला, खनिजों की लूट जैसे कई विषय पर बातचीत होनी चाहिए ठी लेकिन, बात नहीं हुई. साथ ही बीजेपी ने कहा कि इस बैठक में नियोजन नीति और स्थानीय नीति पर समन्वय समिति ने खुद अपनी सरकार को ही आइना दिखाया है.
उन्होंने कहा कि समन्वय समिति ने जन भावनाओं के अनुरूप नियोजन नीति की बात की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार जनभावनाओं पर खरी नहीं उतर रही है. आज हजारों युवा बेरोजगार सड़कों पर उतरकर सरकार की नीति का प्रबल विरोध कर रहे है. उन्होंने कहा कि छात्रों, बेरोजगारों को अभूतपूर्व असमंजस की स्थिति में डाल दिया गया है.
घोटाला पर बीजेपी ने कहा कि राज्य में रोज नए-नए घोटाले उजागर हो रहे है. भ्रष्ट अधिकारी, दलाल, बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं. साथ ही सड़क बिजली, पानी, स्वास्थ्य व्यवस्था, विधिव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. निकाय चुनाव पर बीजेपी ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बिना निकाय चुनाव को टाला जा रहा है. लेकिन इस विषय पर समन्वय समिति ने कोई राय नहीं दी.
साथ ही बीजेपी ने बांग्लादेशी घुसपैठ, नेता प्रतिपक्ष का मामला उठाया और इस बैठक को केवल खाना पूर्ति करार दिया है. दीपक प्रकाश ने कहा भाजपा जन भावनाओं की अभिव्यक्ति है. एक सशक्त विपक्ष के नाते भाजपा ने लगातार सदन से सड़क तक जन मुद्दों को उठाया है, संघर्ष किया है. जो आगे भी जारी रहेगा.