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वोट प्रतिशत में राज्य गठन के बाद से ही भाजपा रही है नंबर वन

झारखंड गठन के बाद से ही वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा नंबर वन पोजिशन पर कायम है. राज्य बनने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन, उस साल भी भाजपा 33.01 प्रतिशत वोटों के साथ अव्वल नंबर पर थी.

रांची. झारखंड गठन के बाद से ही वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा नंबर वन पोजिशन पर कायम है. राज्य बनने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को केवल एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन, उस साल भी भाजपा 33.01 प्रतिशत वोटों के साथ अव्वल नंबर पर थी. 2009 में हुए चुनावों में भाजपा ने झारखंड की आठ सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन, पार्टी को राज्य में मिला कुल मत प्रतिशत 27.53 पिछली बार की तुलना में काफी कम रहा. तीसरे और चौथे लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की क्रमश: 12 और 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इन दोनों चुनावों में भी भाजपा को दूसरे सभी दलों की अपेक्षा ज्यादा वोट हासिल हुए थे.

कम होता गया कांग्रेस का मत प्रतिशत

राज्य में चुनाव दर चुनाव कांग्रेस पार्टी का मत प्रतिशत कम होता रहा है. हालांकि, अपवाद के रूप में 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 2014 की तुलना में बेहतर मत प्रतिशत हासिल किया था. 2019 में कांग्रेस को 15.81 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. जो 2014 में पार्टी को प्राप्त वोटों से 2.33 प्रतिशत अधिक है. अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 21.44 प्रतिशत वोट राज्य गठन के बाद 2004 में हुए पहले आम चुनाव में मिले थे.

औसतन 10 प्रतिशत से अधिक वोट लाता रहा है झामुमो

क्षेत्रीय दलों में झामुमो राज्य में संपन्न चुनावों में औसतन 10 प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत प्राप्त करता रहा है. 2014 के चुनाव में झामुमो का सबसे कम मत प्रतिशत 9.42 रहा था. उसके अलावा राज्य गठन के बाद अन्य सभी चुनावों में झामुमो ने डाले गये कुल मतों के 10 प्रतिशत से अधिक लेने में सफलता प्राप्त की है. झामुमो के अलावा भाजपा से अलग होकर बाबूलाल मरांडी द्वारा बनायी गयी पार्टी झाविमो प्रजातांत्रिक का प्रदर्शन भी औसत रहा है. 2009 व 2014 के चुनाव में झाविमो ने भी 10 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किया था.

निर्दलीयों को भी मिलते हैं वोट

राज्य में निर्दलीय प्रत्याशियों को भी वोट मिलते हैं. वोट प्रतिशत के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा, कांग्रेस और झामुमो के बाद सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करते हैं. 2004 के चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों को 6.89 प्रतिशत वोट मिला था. वहीं, 2009 के चुनावों में 11.12 प्रतिशत, 2014 में 3.33 और 2019 में 4.21 प्रतिशत वोट निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्राप्त किये थे. अब तक संपन्न चुनावों में अन्य किसी भी दल को कुल मतों का पांच प्रतिशत लाने में भी सफलता नहीं मिली है.

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